जयपुर. परिवहन एवं सड़क सुरक्षा राज्यमंत्री बृजेंद्र सिंह ओला की अध्यक्षता में मंगलवार को इंटीग्रेटेड रोड एक्सीडेंट डेटाबेस (आईआरएडी) परियोजना की समीक्षा बैठक हुई। परिवहन भवन में ढाई घंटे की मैराथन बैठक में आईआरएडी सॉफ्टवेयर के जरिये सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़ों को एकत्रित करने की प्रक्रिया का प्रस्तुतीकरण हुआ। इसके बाद सॉफ्टवेयर और उपलब्ध आंकड़ों से किस तरह से दुर्घटनाओं और उनमें मृत्यु दर में कमी लाई जा सकती है, को लेकर विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। ओला ने कहा कि राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में सड़क सुरक्षा है। विभाग अपनी प्रतिबद्धता के साथ सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के लिए लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि अब जयपुर से किशनगढ़ तक के मार्ग को मॉडल रोड (सेफ डेमो कॉरिडोर) बनाने के प्रयास किये जायेंगे। आईआरएडी से दुर्घटनाओं के उपलब्ध आंकड़ों के साथ सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ टीम ने हाल ही पुलिस, चिकित्सा, सार्वजनिक निर्माण, एनएचएआई सहित अन्य संबंधित विभागों के साथ पूरे मार्ग का संयुक्त निरीक्षण किया था। सामने आई कमियों को दूर करने के लिए जिला कलक्टर और संबंधित विभागों को लिखा जा रहा है।
ओला ने टोल प्लाजा पर चिकित्सक टीम, उपकरण, दवाईयों, एंबुलेंस सही स्थिति में हो, इसकी सुनिश्चितता के लिए एनएचएआई के अधिकारियों को निर्देश दिये। ओला ने कहा कि अब भारी वाहनों, स्कूल बसों में लाइव लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम लगाना सुनिश्चित किया जायेगा। विभाग ने पहल करते हुए अभी तक प्रदेश की 3 हजार से अधिक एंबुलेंस में व्हीकल लोकेशन ट्रेकिंग सिस्टम स्थापित कराया गया है।ओला ने चिकित्सा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि गत 03 बजट घोषणा अनुरूप 100 प्राइमरी ट्रॉमा सेंटर अपग्रेड कर बनाने थे, इन्हें शीघ्र स्थापित किया जायें। इसके लिए सड़क सुरक्षा प्रकोष्ठ कोष से चिकित्सा विभाग को राशि भी दी जा चुकी है।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने आईआरएडी में डेटा एंट्री को सुगम बनाकर विश्लेषण करने की प्रक्रिया के लिए राष्ट्रीय सूचना केंद्र (एनआईसी) टीम को सुझाव दिये। परिवहन आयुक्त महेंद्र सोनी ने कहा कि सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर में लगभग 15 करोड़ रुपये लागत से गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू), एडवांस ट्रॉमा केयर ट्रेनिंग व स्किल लैब का निर्माण कराया गया है। प्राइमरी ट्रॉमा सेंटर के लिए भी राशि स्वीकृत की है। चिकित्सालयों को अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराना भी हमारी प्राथमिकता है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ. जितेंद्र सोनी ने आईआरएडी के जरिये एक तय क्षेत्र में बार-बार हो रही सड़क दुर्घटनाओं की स्थिति मोबाइल या कम्प्यूटर डेस्कटॉप पर अलर्ट मैसेज की तरह प्राप्त होने का सुझाव दिया।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस यातायात विजय कुमार सिंह ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो से प्रमाणित हेलमेट की ही बिक्री होने और पहनने के लिए जल्द ही आदेश जारी किये जायेंगे। घटिया गुणवत्ता वाले हेलमेट पर रोक लगाई जायेगी। इस दौरान संयुक्त सचिव गृह डॉ. सौम्या झा, संयुक्त परिवहन आयुक्त (सड़क सुरक्षा) श्रीमती निधि सिंह, सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीषण अभियंता (सीई) ने भी सुझाव दिये। बैठक में आईआरएडी का प्रजेंटेशन एनआईसी के तकनीकी निदेशक श्रीपाल यादव ने दिया।