वाशिंगटन,एएनआई, अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी के उस बयान पर चुप्पी साध ली है जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते चीन और पाकिस्तान आपस में अधिक करीब आए हैं। कांग्रेस नेता ने ये बयान बुधवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर हो रही चर्चा में दिया था। इस बयान पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी।
राहुल गांधी के इस बयान पर पूछे एक सवाल के जवाब में प्राइस ने कहा है कि वो इस बयान का किसी भी सूरत से समर्थन नहीं करते हैं। इसको वे पाकिस्तान और चीन पर छोड़ते हैं। वो बताएं कि उनमें आपस में कैसे संबंध हंै। इस बयान पर प्राइस ने और कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। राहुल गांधी का कहना था कि सरकार न्यायपालिका, चुनाव आयोग, पेगासस के जरिए यूनियन ऑफ स्टेट्स की आवाज को दबाने का काम कर रही है।
राहुुल ने कहा कि था देश को आंतरिक व बाहरी मोर्चों से खतरा
लोकसभा में बहस के दौरान सांसद राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार देश को किसी शहंशाह की तरह चलाने की कोशिश की जा रही है। सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश को आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर खतरे का सामना कर रहा है। उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि वो खतरे से खेल रहे हैं। राहुल ने आगे कहा कि उनकी सलाह है कि रुक जाइये। पाकिस्तान और चीन को हल्के में नहीं लीजिए। आप पहले ही चीन और पाकिस्तान को करीब ला चुके हैं।
राहुल ने ये भी कहा कि उन्हें इस बात में कोई संदेह नहीं है कि चीन के पास स्पष्ट योजना है, जिसकी बुनियाद डोकलाम और लद्दाख में रख दी गई है। ये देश के लिए बहुत बड़ा खतरा है। उन्होंने सरकार की विदेश नीति और जम्मू कश्मीर में अपनाई जा रही नीतियों पर भी सवाल उठाए और कहा कि सरकार ने दो मोर्चों को एक मोर्चे में बदल दिया है।
लोकसभा में राहुल गांधी ने सरकार की इस बात को लेकर भी खिल्ली उड़ाने की कोशिश की कि इस बार गणतंत्र दिवस के मौके पर कोई विदेशी अतिथी शामिल नहीं हुआ। उन्होंने ये भी कहा कि मौजूदा समय में दो तरह का भारत है। एक जो गरीब है और दूसरा वो जिसके पास अथाह दौलत है। उन्हें नौकरी नहीं चाहिए और न ही गैस पानी का कनेक्शन चाहिए। लेकिन ऐसे ही लोग देश को नियंत्रित कर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ एक गरीब भारत है जिसको हर जरूरी सुविधा के साथ नौकरी भी चाहिए।