बेंगलुरु, एएनआइ. हिजाब मामले में फैसला सुनाने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा दी गई है। जजो को मिल रही धमकी के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि हमने हिजाब पर फैसला देने वाले तीनों जजों को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने का फैसला किया है। उन्होंने बताया कि डीजी और आईजी को विधानसौधा पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत की। इसमें गहन जांच करने के निर्देश दिए ग हैं। जिसमें कुछ लोगों की ओर से जजों को जान से मारने की धमकी की बात कही गई है।
वीडियो से धमकी की बात आई सामने
गौरतलब है कि तमिलनाडु के मदुरैई में एक वीडियो सोशल मीडिया में पर वायरल हो रहा था। जिसनें तमिलनाडु तौहीद जमात के सदस्य कोवई रहमतुल्लाह कथित तौर पर यह कहते हुए सुनाई दे रहे थे कि झारखंड में मॉर्निंग वॉक के दौरान गलत फैसला देने वाले जज की हत्या हो गई है। जज को अप्रत्यक्ष तौर पर धमकी देते हुए वीडियो में कहा है कि हमारे समाज में कुछ लोग भावनाओं में बहके हुए हैं। वीडियो में कहा है कि इन जजों के साथ अगर कुछ गलत होता है तो वो इसके जिम्मेदार नहीं होंगे।
We've decided to give 'Y' category security to all three judges who gave the Hijab verdict. I have instructed DG and IG to probe the complaint filed in Vidhanasoudha PS thoroughly in which some people gave life threats to the judges: Karnataka CM Basavaraj Bommai in Bengaluru pic.twitter.com/cQxFyfcfOL
— ANI (@ANI) March 20, 2022
कोर्ट ने यह सुनाया था फैसला
कर्नाटक में इसी साल जनवरी में हिजाब को लेकर विवाद छिड़ा है। विवाद की शुरूआत उस समय हुई जब उडुपी के एक सरकारी कालेज में छात्राओं को हिजाब पहनने से रोका और उन्हें कालेज में आने नहीं दिया। इसके बाद इन छात्राओं ने कर्नाटक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इस पर कोर्ट ने छात्राओं की याचिका को खारिज कर दी और अपने फैसले में कहा कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं रहा है। स्कूल और कालेज में छात्रों को यूनिफार्म पहनना ही होगा और इस्लाम में भी हिजाब पहनना अनिवार्य नहीं है।