जयपुर. पर्यटन विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती गायत्री राठौड़ ने अधिकारियों को निर्देश देतेे हुए कहा कि बजट घोषणाओं की क्रियान्विति और लंबित पड़े प्रकरणों का निस्तारण शीघ्र करें ताकि तय समय सीमा में इन्हें पूरा किया जा सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी को समन्वित रूप से समर्पण के भाव से कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिलों में पर्यटन की अपार संभावनाएं है, उन्हें चिन्हित कर विकसित करने की योजना तैयार करें ताकि प्रदेश में नए पर्यटन सर्किट विकसित किये जा सकें। साथ ही सभी अधिकारी कार्य योजना बनाकर तय समय में और क्वालिटी का पूरा ध्यान रखते हुए इन पर्यटन स्थलों को पूर्ण रुप से विकसित करें। श्रीमती राठौड़ की अध्यक्षता में गुरुवार को शासन सचिवालय में अधीनस्थ पर्यटन कार्यालयों के प्रभारीयों के साथ वर्चुअल माध्यम से बैठक आयोजित हुई। उन्होंने कहा कि पर्यटन एक महत्वपूर्ण सेक्टर है। प्रदेश की अर्थव्यवस्था में प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से इसकी अहम भूमिका है। वर्तमान में इस सेक्टर में विभिन्न गतिविधियां तीव्र गति से बढ़ रही है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग की जानी चाहिए।
पर्यटन निदेशक निशांत जैन ने कहा कि राजस्थान के पर्यटन को देश-दुनिया तक पहुंचाने के लिए प्रभावी मीडिया कैंपेन चलाने, सोशल व डिजिटल मीडिया, आकर्षक क्रियेटिव्स एवं लघु फिल्मों के माध्यम से पर्यटन गतिविधियों की ब्रांडिंग की जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को आगामी मेलों और उत्सवों को देखते हुए इसकी प्रभावी विस्तृत रूप रेखा तैयार करने एवं पर्यटन से जुड़े विशेषज्ञों और स्थानीय लोगों का सहयोग लेने के भी निर्देश दिये है। पर्यटन निदेशक ने कहा कि बजट घोषणा में पर्यटन को उद्योग को दर्जा दिया गया है। इससे शीघ्र ही पर्यटन उद्योग से जुड़े लोगों को संबंधित विभागों से औद्योगिक दर पर रियायते मिलने लगेगी। ऊर्जा विभाग द्वारा इसके संबंध में आदेश भी जारी कर दिये है। उन्होंने कहा कि यह लाभ विभाग द्वारा जारी प्रमाण-पत्र के बाद दिया जायेगा। यह सम्पूर्ण प्रक्रिया ऑनलाइन होगी।
बैठक में प्रदेश के किले, महल, बावडिय़ों के जीर्णोद्धार के लिए किये जा रहे कार्यो की प्रगति की समीक्षा की गयी। साथ ही बजट घोषणाओं के क्रियान्वयन, बजट प्रस्ताव, विभाग की लंबित योजनाओं की प्रगति, नए पर्यटन सर्किट के प्रस्तावों की वर्तमान स्थिति, विभाग द्वारा किये गये एमओयू और एलओआई, पर्यटन को उद्योग का दर्जा, गाइड प्रशिक्षिण कार्यक्रम, पर्यटन सांख्यिकी संकलन, त्योहारों की रिब्रांडिंग, वेबसाइट मोबइल एप और सोशल मीडिया के नियमित अपडेट पर चर्चा की गई। बैठक में अतिरिक्त निदेशक आनन्द कुमार त्रिपाठी, संयुक्त निदेशक (निवेश) पवन कुमार जैन, संयुक्त निदेशक (विकास) राजेश कुमार शर्मा, संयुक्त निदेशक (विपणन) डॉ. पुनिता सिंह, संयुक्त निदेशक (प्रचार) सुश्री सुमिता सरोच, उप निदेशक (विकास) अशोक चंचलानी, उप निदेशक अजय, अन्य अधिकरी सहित जिलों के प्रभारी अधिकरी भी वर्चुअल माध्यम से उपस्थित रहे।