घाना में बेहद घातक वायरस सामने आया है। जिसका नाम है मागबर्ग। ल्हासा वायरस के बाद इस बार घाना में मारबर्ग वायरस संक्रमण अपने पांव पसार रहा है। घाना के दक्षिणी इलाके में मारबर्ग से संक्रमित दो लोगों की पहले ही मौत हो चुकी है। उनके नमूनों का परीक्षण किया तो सेनेगल में एक वायरस प्रयोगशाला ने घातक वायरस की होने की पुष्टि की है। इधर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि गुरुवार को अफ्रीकी देश में मारबर्ग वायरस संक्रमण दो मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, अत्यधिक संक्रामक वायरस से संक्रमित लोगों में मृत्यु दर 24 से 88 प्रतिशत के बीच हो सकती है। घाना के दक्षिणी आशांती इलाके में मारबर्ग से संक्रमित दो लोगों की मौत पहले ही हो चुकी है।
डॉक्टरों के मुताबिक इस वायरस से संक्रमित लोगों में बुखार, उल्टी, सिरदर्द सहित कई तरह के लक्षण होते हैं। गुयाना में पहले इस वायरस का पता चला था। हाल के दिनों में मारबर्ग इबोला वायरस के संक्रमण से जुड़ा रहा है जो अफ्रीका में खतरनाक रूप से फैल गया है। मारबर्ग संक्रमण की पहचान सबसे पहले दक्षिण और पूर्वी अफ्रीकी देशों में करीब साढ़े पांच दशक पहले हुई थी। इबोला की पहचान पहली बार 1976 में हुई थी।
बहुत संक्राम और घातक है मारबर्ग
घाना में जिन दो लोगों की मौत हो गई। उसका जिम्मेदार मारबर्ग वायरस है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने इसे इबोला के समान बताया है। डब्ल्यूएचओ ने अपने एक बयान में कहा दक्षिणी आशांती क्षेत्र के दो मरीजों में दस्त, बुखार, मतली और उल्टी सहित लक्षण थे। यदि और मामलों की पुष्टि होती है तो पश्चिम अफ्रीका में मारबर्ग का प्रकोप का ये दूसरा अवसर होगा। गत वर्ष गिनी में इस वायरस का पता चला था। डब्ल्यूएचओ ने कहा कि संभावित प्रकोप प्रतिक्रिया के लिए तैयारी की जा रही है। तेजी से आगे की जांच चल रही है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार 1967 से अब तक एक दर्जन प्रमुख मारबर्ग प्रकोप हुए हैं। ज्यादातर दक्षिणी और पूर्वी अफ्रीका में केस पाए गए हैं।