नई दिल्ली. भारत सहित पूरी दुनिया अभी भी कोरोना संक्रमण से जूझ रही है। इसके लक्षण दिखाई देने पर लोग टेस्ट करवाने से भी गुरेज नहीं कर रहे। लेकिन कोविड-19 टेस्ट को लेकर भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया के देशों में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए इस परेशानी को कम करने के लिए कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के एक वैज्ञानिक समूह ने कोविड-19 टेस्ट की एक नई तकनीक ईजाद की है। इसका उपयोग कर अब लोग स्मार्टफोन की मदद से कोविड-19 टेस्ट भी कर सकेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार इस वैज्ञानिक समूह का कहना है कि कोविड-19 टेस्ट की नई परीक्षण प्रणाली की सटीकता पीसीआर टेस्ट के बराबर है। इसका उपयोग करने के लिए आपको केवल एक स्मार्टफोन, एक ऐप और कुछ बुनियादी लैब उपकरणों की जरूरत पड़ेगी।
स्मार्टफोन से होगा कोविड टेस्ट
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक समूह ने JAMA Network Open जर्नल में एक पेपर पब्लिश कर कोविड-19 टेस्ट की नई प्रणाली के बारे में जानकारी दी है। इस टेस्ट सिस्टम को smaRT-LAMP (Loop-mediated Isothermal Amplification) स्मार्ट लेम्प नाम दिया है। इस टेस्टिंग के पूरे सिस्टम को स्थापित करने के लिए आपको 100 डॉलर से कम कीमत खर्च करनी होगी। इसके लिए आपके पास स्मार्टफोन होना बेहद जरूरी है।
कैसे होगा कोविड टेस्ट
आपको बता दें कि सबसे पहले परीक्षण किट को फिट करने के लिए साधारण उपकरण जैसे हॉट प्लेट, रिएक्टिव सोल्युशन और स्मार्टफोन की जरूरत होगी। इसके बाद अपने स्मार्टफोन पर Bacticount नामक नि:शुल्क ऐप डाउनलोड करना होगा। जिस व्यक्ति को टेस्ट करना है उसे अपनी लार को एक गर्म प्लेट के ऊपर मौजूद टेस्ट किट में लोड करना होगा। जिसे एक रिएक्टिव सलूशन में गिराया जाता है। इस प्रोसेस को लेम्प कहते हैं? इसके बाद सैंपल को एक कार्डबोर्ड बॉक्स में डाला जाएगा। जिसमें ऊपर की तरफ LED लगी होती है। फिर स्मार्टफोन के कैमरे से बॉक्स के टॉप में सैंपल देखा जाता है और लिक्विड का रंग बदलने पर पता चलेगा कि टेस्ट निगेटिव है या पॉजिटिव। यदि आपके सैंपल में पैथजेन मौजूद होते हैं तो इसका रंग लाल चमकने लगता है, जितने ज्यादा पैथजेन मौजूद होंगे, उतनी जल्दी Bacticount ऐप चमक को रजिस्टर करेगा। सलाइवा सैंपल के रंग बदलने की रफ्तार के आधार पर व्यक्ति के वायरल लोड का अनुमान लगाया जाता है।