जयपुर. Rajasthan vidhansabha chunav राजस्थान के सियासी गलियारे में जमकर उठापटक का दौर जारी है। सिद्धातों की बात करने वाले भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों में दल बदलने का खेल बदस्तूर जारी है। इस बीच गुरुवार को भाजपा से जुड़ी साध्वी अनादि सरस्वती ने कांग्रेस का दामन थामकर भाजपा के खेमे में खलबली मचा दी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा और राजस्थान प्रभारी सुखजिंद्र सिंह रंधावा की मौजूदगी में साध्वी ने कांग्रेस ज्वॉइन कर ली है। अनादि सरस्वती इससे पहले अजमेर उत्तर सीट से वासुदेव देवनानी की जगह टिकट की मांग कर रही थीं। लेकिन भाजपा ने उन्हें तवज्जो नहीं दी। इसके बाद अनादि सरस्वती ने भाजपा को छोड़ दिया और कांग्रेस का हाथ थाम लिया। कयास लगाए जा रहे हैं कि अब अनादि सरस्वती को कांग्रेस अजमेर उत्तर सीट से देवनानी के खिलाफ चुनावी मैदान में उतार सकती है।
महान निर्वाण अखाड़े की दीक्षा ली अनादि सरस्वती ने
साध्वी अनादि सरस्वती अजमेर की निवासी है और उन्होंने समाजशास्त्र विषय में एमए किया है। पढ़ाई पूरी करने के बाद उनकी रुचि आध्यात्मिक की तरफ चली गई। उन्होंने पतंजलि योग दर्शन, भागवत गीता और वेदांत का भी अध्ययन किया। 2008 में उन्होंने प्रेमानंद सरस्वती से महान निर्वाण अखाड़े की परंपरा के अनुसार दीक्षा ली है। साध्वी अनादि सरस्वती सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय हैं। इसके कारण उनके काफी फॉलोअर्स भी हैं। साध्वी अनादि सरस्वती चिती संधान योग नाम की एक संस्था चलाती हैं। इस संस्था के जरिए अपनी आध्यात्मिक विचारधाराओं का प्रचार प्रसार करती हैं।
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साध्वी ने बताया हेमू कालाणी का वंशज
साध्वी ने खुद को अमर शहीद हेमू कालाणी का वंशज बताया। उन्होंने दावा किया कि प्रत्यक्ष को प्रमाण की आवश्यकता नहीं है। इसका प्रमाण हेमू कालाणी की वंशावली की पोथी में है। जो हरिद्वार में उपलब्ध है। इसमें देखा जा सकता है। उन्होंने भाजपा से टिकट की दावेदारी पेश करते हुए कहा कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि अजमेर के लिए आदर्श बनेगी और वह बिना भेदभाव के समाज सेवा करेंगी।
करना चाहती हूं समाज सेवा
साध्वी अनादि सरस्वती ने बीते दिनों मीडिया में बातचीत करते हुए बीजेपी से अपने टिकट की दावेदारी जताते हुए कहा था कि वह यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तर्ज पर समाज सेवा करना चाहती है। उन्होंने दावा किया कि मैं हेमू कालाणी परिवार से हूं। आजादी के आंदोलन और राष्ट्र निर्माण में इस परिवार ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। साध्वी अनादि सरस्वती चिती संधान योग नाम की एक संस्था चलाती है। इसको लेकर सोशल मीडिया पर उनकी कई फोटोज भी वायरल है। वह अपने अनुयायियों को प्रवचन करती हैं। साध्वी बतौर मोटिवेशनल स्पीकर के रूप में भी पहचान रखती हैं।
भाजपा से टिकट के लिए कई नेताओं से संपर्क किया पर नहीं बनी बात
पढ़ाई के बाद साध्वी अनादि सरस्वती का आध्यात्मिक की तरफ रुझान बढ़ा। अब साध्वी राजनीतिक जीवन में भी अपनी पारी की शुरुआत करना चाहती है। इसके लिए वह लगातार सक्रिय हैं। साध्वी ने बताया कि बीजेपी से टिकट के लिए उन्होंने बीजेपी केंद्र के नेताओं के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, स्वामी सुमित्रानंदन सरस्वती और अलवर सांसद बालक दास से भी संपर्क किया, लेकिन बात नहीं बनी।

Author: indianews24



