नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली में बीते दिनों वायु प्रदूषण बहुत खराब स्तर पर पहुंच गया था। बारिश होने से इसमें सुधार आया है। लेकिन अभी भी हवा खराब बनी हुई है। मौसम साफ और खुला जरूर लग रहा है लेकिन हवा अभी भी जहरीले बनी हुई है। बच्चों और बुजुर्गों को सबसे ज्यादा इस प्रदूषण के चलते स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है और खास तौर से यह अस्थमा के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। बढ़ते प्रदूषण में यदि आपको घर से बाहर निकलना है तो सावधानियां बरतें। नहीं तो आप कई बीमारियों का शिकार हो सकते हैं।
अस्पताल में पहुंच रहे हजारों मरीज
अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक रोजाना ओपीडी में करीब 200 से 250 बच्चों को उनके परिजन प्रदूषण के चलते होने वाली बीमारियों को लेकर पहुंच रहे हैं। वहीं महिला पुरुष और बुजुर्गों का आंकड़ों पर गौर करें तो संख्या 450 मरीज प्रतिदिन पहुंच रही है। यह आंकड़ा सिर्फ जिला अस्पताल के हैं अगर अन्य सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के आंकड़ों को जोड़ा जाए तो संख्या प्रतिदिन हजारों में पहुंचता है।
गर्भवती महिलाओं के लिए घातक
खराब प्रदूषण को लेकर डॉक्टरों का कहना है कि गर्भवती महिला के लिए भी येे नुकसानदेह है। इस प्रदूषण के चलते अगर वह बाहर बहुत ज्यादा अपना समय बिता रही है तो उनके बच्चे की डिलीवरी प्री मच्योर हो सकती है और उस बच्चे को काफी दिक्कत हो सकती है।
अस्थमा, आंखों में जलन और स्किन इन्फेक्शन की परेशानियां
अस्पताल से मिले आंकड़ों के मुताबिक, इस बढ़ते प्रदूषण के चलते बच्चों और बुजुर्गों को काफी ज्यादा दिक्कत हो रही है। इन दिक्कतों में सांस लेने की परेशानी, आंखों में जलन और स्किन इन्फेक्शन जैसे रोगों से लोग परेशान हो रहे हैं। डॉक्टर के मुताबिक ये प्रदूषण अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक होता है। उन्हें बाहर निकलने के बाद अटैक की भी संभावना रहती है।
जानिए क्या है सरकारी दावे
नोएडा के प्राधिकरण और गाजियाबाद के नगर निगम लाख दावे और वादे करें और मुस्तैदी के लिए अफसर की तैनाती की भी बात बताते रहे, लेकिन उससे सड़कों पर उड़ती धूल, निर्माण कार्यों से होने वाला नुकसान और अन्य वजह जिससे प्रदूषण फैलता है, उनमें कोई भी रूकावट या गिरावट देखने को नहीं मिल रही है।

Author: indianews24



