उत्तराखंड. उत्तरकाशी में यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा से डंडालगांव तक निर्माणाधीन सुरंग के अंदर भूस्खलन हो गया । इस सुरंग का निर्माण एनएचआईडीसीएल के निर्देशन में नवयुगा कंपनी की ओर से किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सुरंग के अंदर 40 से ज्यादा मजूदर फंसे हुए हैं। जिला आपदा प्रबंधन उत्तरकाशी ने इस मामले की पुष्टि की है। भले ही अभी ये पता नहीं चल पाया है कि सुरंग में कुल कितने श्रमिक फंसे हैं। कंपनी की ओर से मलबे को हटाने कार्य किया जा रहा है। मौके पर पांच 108 एंबुलेंस तैनात की गई हैं।
शिफ्ट चेंजिंग के दौरान हादसा
मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक रात्रि शिफ्ट वाले श्रमिक टनल से बाहर आ रहे थे, अगली शिफ्ट वाले भीतर जा रहे थे। टनल के मुख्य द्वार से करीब 300 मीटर दूरी पर ऊपरी हिस्से से मलबा आने से टनल बंद हो गई। यहां से करीब 2700 मीटर भीतर 40 से 50 मजदूर काम कर रहे थे। कार्यस्थल तक ऑक्सीजन आपूर्ति के लिए डाली लाइन मलबे से ध्वस्त हो गई। हालांकि परियोजना के अधिकारी भीतर पर्याप्त मात्रा में पानी और ऑक्सीजन उपलब्ध होने का दावा कर रहे हैं।

जितना मलबा हटाया जा रहा है, उससे अधिक मलबा आ जा रहा
फंसे मजदूरों को बाहर निकालने का एकमात्र विकल्प टनल से मलबा हटाना है। बताया जा रहा है कि जितना मलबा हटाया जा रहा है, उससे अधिक मलबा टनल के ऊपरी तरफ से आ जा रहा है। जिस जगह टनल में ऊपरी तरफ से मलबा आ रहा है, वहां कठोर चट्टान (हार्ड रॉक) नहीं है।
किसी की मृत्यु की सूचना नहीं
एडीजी कानून व्यवस्था एपी अंशुमान ने बताया कि अभी किसी की मृत्यु की सूचना नहीं है। एसडीआरएफ और अन्य बचाव दल पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए है। जानकारी के अनुसार, हादसा रविवार सुबह 5:00 बजे हुआ। सिलक्यारा की ओर सुरंग के द्वार से 200 मीटर की दूरी पर यह भूस्खलन हुआ है, जबकि जो मजदूर काम कर रहे थे वो वाहन द्वार के 2800 मीटर अंदर हैं।
आलवेदर रोड प्रोजेक्ट के अंतर्गत हो रहा इस सुरंग का निर्माण
इस प्रोजेक्ट की यह सबसे लंबी (साढ़े चार किलोमीटर ) डबल लेन सड़क सुरंग है। इसका करीब चार किलोमीटर निर्माण हो गया है। सुरंग के निर्माण में मजदूर दिन-रात जुटे रहते हैं। फरवरी 2024 तक इसकी खोदाई पूरी करने का लक्ष्य है। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर सिलक्यारा और जंगल चट्टी के बीच 4.5 किलोमीटर लंबी इस अत्याधुनिक सुरंग के निर्माण से गंगोत्री और यमुनोत्री के बीच की दूरी 26 किमी कम हो जाएगी।
2019 में बनना शुरु हुआ था टनल
यह सुरंग करीब 853 करोड़ की लागत से बन रही है। राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआइडीसीएल) की देखरेख में डबल लेन सुरंग देश की पहली अत्याधुनिक सुरंग न्यू ऑस्ट्रियन टनलिंग मेथड (एनएटीएम) से बनाई जा रही है। नवयुग इंजीनियरिंग कंपनी ने इसका निर्माण जनवरी, 2019 में शुरू किया था।

Author: indianews24



