चूरू, 28 जून। राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जयपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष बलजीत सिंह के निर्देशानुसार मंगलवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव प्रमोद बंसल द्वारा शिवम हॉस्पिटल द्वारा संचालित कौशल विकास केन्द्र पर ’’पर्यावरण कानून के प्रावधान और सभी हितधारकों के लिए प्रदूषण और पर्यावरणीय गिरावट के हानिकारक प्रभाव’’ पर कार्यशाला का आयोजन किया गया।
सचिव द्वारा पर्यावरण प्रदूषण के नियंत्रण एवं पर्यावरण संबंधी कानूनों को लेकर जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादों पर पूर्णरूप से प्रतिबंध लगने जा रहा है। सिंगल यूज प्लास्टिक वो होता है, जिसका इस्तेमाल एक ही बार होता है और फिर उसे फेंक दिया जाता है इन्हें रिसाईकिल भी नहीं किया जा सकता है। स्ट्रॉ, प्लास्टिक चम्मच, कटोरी इत्यादि सिंगल यूज प्लास्टिक में आती हैं।
सचिव द्वारा अंतरर्राष्ट्रीय नशा निरोधक दिवस की जानकारी देते हुये इसके महत्व पर प्रकाश डाला गया कि इस अवसर पर बच्चों को नशे से बचाने हेतु जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से नशे से होने वाले नुकसानों के बारे में विस्तार से बताया गया। नशे से होने वाले शारीरिक नुकसानों की जानकारी दी गई तथा बताया गया कि नशे से किस प्रकार बच्चों के भावी जीवन पर दुष्प्रभाव पड़ता है। इसी प्रकार नालसा (नशा पीड़ितों को विधिक सेवाएं एवं नशा उन्मूलन के लिए विधिक सेवाएं) योजना, 2015 की भी जानकारी दी गई। इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा संचालित गतिविधियों राष्ट्रीय लोक अदालत, पीड़ित प्रतिकर स्कीम, मध्यस्थता, विधिक सहायता एवं समय-समय पर चलाये जा रहे विभिन्न अभियानों की जानकारी दी गई।
शिवम् हास्पिटल संचालक डॉ. महेश शर्मा ने राजस्थान सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुये बताया कि सरकारी कार्यालयों में प्लास्टिक बोतल, ट्रे, ग्लास, बैनर और प्लास्टिक से बनी सभी सामग्री हटाई जायेगी। कार्यशाला में कौशल केंद्र प्रशिक्षणार्थियों के अलावा सोहनलाल, धर्मपाल शर्मा, कैलाश सैनी, नरेन्द्र बुडानिया, अशोक सैनी, पंकजा आदि मौजूद रहे। उक्त कार्यक्रम के दौरान पर्यावरण की शुद्धता हेतु पौधारोपण किया जाकर पौधों का महत्व बताया गया तथा किस प्रकार पौधों से वातावरण में शुद्धता आती है, इस पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।