जयपुर. राजस्थान में फैले लंपी वायरस ने प्रदेश में 4296 गोवंश को मौत की नींद सुला दिया है। इस वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण प्रदेश में पशुपालकों में खौफ बना हुआ है। कमोबेश यही हालात गुजरात सहित देश के राज्यों में इस वायरस का प्रकोप बना हुआ है। ये वायरस गाय और भैंस के लिए जान लेवा बना हुआ है। आपको बता दें कि राजस्थान में करीब 2 लाख गायें इस लंपी रोग से संक्रमित है। सरकार की ओर से किए गए सर्वे में 4296 गौवंश की मौतें सामने आई है जबकि ये आंकड़ा इससे कहीं अधिक है। यहां जिन 11 जिलों में इंफेक्शन फैला है, उनमें 70 से 80 लाख कैटल हैं।
इस संक्रमण से बीमार चल रहे करीब 80 हजार गौवंश का अब उपचार किया जा रहा है। उधर, गुजरात में लंपी वायरस से हालात भयावह हो चुके हैं। कच्छ और सौराष्ट्र अंचलों में गोवंश लंपी वायरस से बड़ी संख्या में संक्रमित है। राजस्थान के पशुपालन मंत्री लालचंद कटारिया ने रिव्यू मीटिंग में कहा कि हालात चिंताजनक हैं। राजस्थान से गौवंश के सैंपल भोपाल लैब भेजे रहे हैं। प्रभावित जिलों को 12 लाख रुपए तक का बजट दिया है। केन्द्र से आई टीम ने बीकानेर और जोधपुर में दौरा कर स्थिति का जायजा लिया है। वह इस संक्रमण को लेकर रिपोर्ट भी ले रही है। इस वायरस को लेकर जयपुर में स्टेट कंट्रोल रूम से मॉनटिरिंग की जा रही है और जयपुर सहित प्रदेश की सभी 3000 हजार गौशालाओं में अलर्ट जारी किया गया है।
4 जिले सबसे ज्यादा प्रभावित, चूरू में भी 33 गोवंश की मौत
मुख्य सचिव उषा शर्मा ने पशुपालन विभाग और जिला कलेक्टर्स को लंपी डिजीज को 15 दिन में कंट्रोल करने के निर्देश दिए हैं। 4 जिलों- बाड़मेर, जालोर, जोधपुर, सिरोही संक्रमण होने से क्लोज मॉनिटरिंग की जा रही है। वहीं चूरू जिले में इस रोग से 33 गोवंश की की मौत हो चुकी है। इसके अलवा चार हजार से अधिक गोवंश जिले में वायरस की चपेट में है। इसको लेकर विभागीय स्तर पर एडवायजरी भी जारी की गई है। बाड़मेर में हालात बिगडऩे पर जयपुर से एडिशनल डायरेक्टर पीसी भाटी को भेजा गया है। गंगानगर में कुछ गायों की मौतों की जानकारी भी मिल रही है। डूंगरपुर, बांसवाड़ा, उदयपुर, राजसमंद और गुजरात बॉर्डर से सटे जिलों में भी अलर्ट है। पशुलपालन विभाग के सेक्रेटरी पीसी किशन ने बताया कि प्रभावित जिलों में डॉक्टर्स व दूसरे स्टाफ की संख्या बढ़ाई है।
2 से 12 लाख तक की दवाएं इमरजेंसी में खरीदने की मंजूरी
पशुपालन सचिव पीसी किशन ने बताया कि सभी जिलों में मेडिसिन उपलब्ध करवाने के लिए सरकार ने बजट दे दिया है। एडिशनल डिमांड पर जिलों को मेडिसिन की खरीद के लिए फड जारी किया जाएगा। पशुपालन विभाग के 34 जिले हैं, जिनमें 33 जिलों के साथ कुचामन सिटी भी एक जिला माना जाता है। सभी में पहले से ही 1-1 लाख रुपए और पॉलिक्लीनिक पर 50-50 हजार रुपए दिए थे। सरकार जिलों में मेडिसिन पहुंचाने में लगी हुई है। बीमारी की रोकथाम और प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर से नोडल अधिकारी जिलों में भेजे जा रहे हैं।
10 राज्यों में लंपी वायरस का प्रकोप, गुजरात के 20 जिलों में महामारी
पशुपालन सचिव ने बताया देश के 10 राज्यों में गायों में यह बीमारी फैल चुकी है। इनमें राजस्थान के अलावा उड़ीसा, असम, कर्नाटक, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, गुजरात, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, केरल शामिल हैं। गुजरात की स्थिति बेहद खराब है। राजस्थान में अभी पशु मृत्युदर 1.4 प्रतिशत है। गुजरात राज्य के 33 जिलों के 1935 गांव संक्रमण की चपेट में है। यहां 1431 गोवंश की मौत हो चुकी है। गुजरात के पशुपालन मंत्री राघवजी पटेल ने भी इस बात को स्वीकार किया है। गुजरात के राजकोट, पोरबंदर, सुरेन्द्रनगर, अमरेली, भावनगर, मोरबी, कच्छ, जामनगर, सूरत, पाटण, अरावली, पंचमहाल, महिसागर, वलसाडख् देवभूमि द्वारका, बोटाद,जूनागढ़, गिर-सोमनाथ, बनासकांठा और महसाणा में इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है।