बाड़मेर. Barmer Loksabha election: राजस्थान की बाड़मेर लोकसभा सीट सबसे चर्चित है। यहां एक युवा नेता के मैदान में ताल ठोक देने से भाजपा और कांग्रेस परेशान हैं। राज्य के बड़े लोकसभा क्षेत्र में शुमार बाड़मेर सीट ऐसे में यह सीट अब राज्य की हॉट सीट बनती जा रही है।
यूं बन गई हॉट सीट
बाड़मेर और जैसलमेर में कांग्रेस ने इस सीट को गंभीरता से लेते हुए यहां एक बड़ा बदलाव किया। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के उम्मेदाराम को पहले कांग्रेस ज्वाइन करवाई और फिर उनको ही प्रत्याशी बना दिया। नए चेहरे के साथ में कांग्रेस खड़ी हो गई है। दिग्गज दावेदार इनके नाम पर एकमत हो गए है।
भाजपा ने फिर चौधरी पर दाव खेला
भाजपा ने यहां केन्द्रीय कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी पर फिर भरोसा करते हुए उन्हें फिर से मैदान में उतारा है। विधानसभा चुनावों में कैलाश चर्चित रहे और मुख्यमंत्री और प्रदेशाध्यक्ष के चेहरों में उनका नाम शामिल हुआ। इसके बाद केन्द्रीय मंत्री पर दुबारा विश्वास कर भाजपा ने टिकट दिया। लेकिन विधानसभा चुनावों में टिकट वितरण को लेकर बड़ा विवाद बन गया था।
निर्दलीय ने किया त्रिकोणीय संघर्ष
कांग्रेस–भाजपा के सीधे मुकाबले के बीच में शिव से विधायक रविन्द्रसिंह भाटी ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर खलबली मचा दी है। रविन्द्र को मनाने के लिए भाजपा ने प्रयास किए थे लेकिन वे माने नहीं। रविन्द्र भी अपनी पूरी ताकत के साथ मैदान में हैं। ऐसे में भाजपा और कांग्रेस दोनों के पसीने आ रहे हैं।
अब सबके लिए नाक का सवाल
भाजपा 25 के टारगेट को लेकर चल रही है। लेकिन निर्दलीय के खड़ा होने से समीकरण प्रभावित हो रहे है। कांग्रेस इस सीट को अपने जातिगत समीकरण के हिसाब से ठीक मानने लगी थी, लेकिन त्रिकोण से यहां पर भी प्रभाव होने लगा है। ऐसे में अब दोनों ही मुख्य दलों के लिए यह सीट नाक का सवाल बन गई है। निर्दलीय प्रत्याशी अभी शिव से विधायक है लेकिन विधायकी के तुरंत बाद ही लोकसभा के चुनाव में आने से अब उनके लिए भी बड़ा निर्णय माना जा रहा है।