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विष्णुदेव साय होंगे छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक ने लिया फैसला, राजस्थान का फैसला बाकी

रायपुर. Chhatisgarh New Cm : भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में रविवार को दिनभर चली गहमागहमी के बाद विधायकों ने विष्णुदेव साय को अपना नेता चुन लिया है। अब नए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और कुछ मंत्री 14 दिसंबर को शपथ ले सकते हैं। मुख्यमंत्री चुनने के लिए तीनों पर्यवेक्षक सुबह 9 बजे रायपुर पहुंच चुके थे। करीब दोपहर 11 बजे प्रदेश प्रभारी ओम माथुर, तीनों पर्यवेक्षक व अन्य वरिष्ठ नेताओं की एक अनौपचारिक बैठक हुई। सबसे आखिर में दोपहर 2 बजे पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पहुंचे। इसके बाद दोपहर करीब 3 बजे भाजपा विधायक दल की बैठक हुई। इस बीच दिल्ली से भी लगातार फोन आते रहे। पर्यवेक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम को विधायकों के सामने रखा। रायशुमारी करने के बाद सभी विधायक ने एक नाम पर अपनी मुहर लगा दी।

भाजपा कार्यालय में सुबह से उत्साह का माहौल

भाजपा प्रदेश कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में सुबह 11 बजे से उत्साह का माहौल नजर आया। सुबह 11.30 बजे से भाजपा के नवनिर्वाचित विधायकों के पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया था। पूरे परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। जगह-जगह पर पुलिस के जवान तैनात थे। प्रदेश कार्यालय के बाहर ही पार्किंग की जगह पर मीडियाकर्मियों के बैठने की व्यवस्था की थी। अंदर सिर्फ विधायक और जो हारे हुए प्रत्याशी को ही जाने दिया जा रहा था। इसके अलावा किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा रही थी।

सुबह विशेष विमान से पहुंचे पर्यवेक्षक

मुख्यमंत्री के चयन के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, सर्वानंद सोनोवाल और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव दुष्यंत कुमार गौतम को पर्यवेक्षक बनाया है। तीन पर्यवेक्षक सुबह करीब 9 बजे विशेष विमान से रायपुर पहुंचे। केंद्रीय मंत्री व प्रदेश चुनाव सह प्रभारी डॉ. मनसुख मांडविया भी रायपुर पहुंचे। इसके बाद वे एयरपोर्ट से सीधे कुशाभाऊ ठाकरे परिसर पहुंचे। यहां वरिष्ठ नेताओं ने उनका स्वागत किया। बता दें कि भाजपा के प्रदेश प्रभारी ओम माथुर और प्रदेश सह प्रभारी नितिन नबीन शनिवार की रात रायपुर पहुंच गए थे।विष्णुदेव साय होंगे छत्तीसगढ़ के नए मुख्यमंत्री, विधायक दल की बैठक ने लिया फैसला, राजस्थान का फैसला बाकी

ये थे मुख्यमंत्री के प्रमुख दावेदार

डॉ. रमन सिंह

भाजपा का बड़ा चेहरा है। 15 साल तक सीएम रहे थे। प्रशासनिक पकड़ मजबूत है।

अरुण साव

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष है। इनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया। अन्य पिछड़ा वर्ग के बड़ा चेहरा बन गए हैं।

रामविचार नेताम

राज्यसभा के सांसद रहे हैं। सौम्य और साफ-सुथरी छबि रही है। आदिवासी नेता है। संगठन में मजबूत पकड़ है।

 

रेणुका सिंह

केंद्रीय राज्य मंत्री रही है। प्रशासनिक कामकाज का अनुभव है। आदिवासी चेहरा है और महिला भी है।

 

गोमती साय

सांसद रह चुकी है। महिला होने के साथ-साथ आदिवासी चेहरा है। छबि भी साफ है।

 

ओपी चौधरी

पूर्व आईएएस है। प्रशासनिक कामकाज का भरपूर अनुभव है। संगठन में भी काम किया है। युवा चेहरे हैं।

अब यह होगा आगे

विधायक दल का नेता चुनने के बाद भाजपा राजभवन को इसकी जानकारी देगा। इसके आधार पर राज्यपाल शपथ ग्रहण का दिन और समय तय कर भाजपा दल को सूचित करेंगे। वे विधायक दल द्वारा चुने नेता को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के लिए आमंत्रित करेंगे। शपथ लेने के पहले हो सकता है कि उप मुख्यमंत्री और मंत्रियों के नाम भी तय हो जाएं और सीएम के साथ ही मंत्रियों को भी शपथ दिलाई जाएगी।

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