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PM Modi बोले, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना… और पूरा हो गया 32 साल पुराना प्रण

नई दिल्ली. Ram mandir inauguration in ayodhya: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के राम मंदिर में भगवान रामलला की प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान में मुख्य यजमान बनकर अपना 32 साल पुराना किया वादा पूरा कर दिखाया है। 14 जनवरी 1992 को पीएम नरेंद्र मोदी राम जन्म भूमि पहुंचे थे। उस समय रामलला टेंट में विराजमान थे। उसी दिन उन्होंने प्रण किया कि वो अयोध्या दोबारा तब तक नहीं आएंगे, जब तक भव्य राम मंदिर का निर्माण नहीं करवा लेंगे।प्रण के ठीक 32 साल और 7 दिन बाद पीएम मोदी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए मुख्य यजमान बनकर अयोध्या पहुंचे। उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के बाद रामलला की मनमोहक मूर्ति की आरती उतारी। विश्व के किसी भी कोने में केवल रामलला नजर आ रहे हैं। विदेशों में सनातन धर्म, रामलला को मानने वाले भक्त आज राम रस में डूबे हुए हैं। हर तरफ जय श्रीराम के नारे की गूंज सुनाई दे रही है। वहीं, अयोध्या ऐसी सजी है, मानों सोने की हो, अयोध्या के कण – कण में राम की अनुभूति हो रही है।

राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं…

पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान खत्म होने के तुरंत बाद लोगों को संबोधित किया। इसके अलावा उन्होंने राम मंदिर परिसर में मौजूद यटायू की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। राम मंदिर का निर्माण करने वाले मजदूरों के ऊपर पुष्पवर्षा कर उन्हें धन्यवाद किया।

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पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि राम भारत की आस्था हैं, राम भारत का आधार हैं, राम भारत का विचार हैं, राम भारत का विधान हैं, राम भारत की चेतना हैं, राम भारत का चिंतन हैं, राम भारत की प्रतिष्ठा हैं, राम भारत का प्रताप हैं, राम प्रभाव हैं, राम प्रवाह हैं, राम नेति भी हैं, राम नीति भी हैं, राम नित्यता भी हैं, राम निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता उसका प्रभाव हज़ारों वर्षों तक होता है।

हर युग के लोगों ने राम को जीया है…

मोदी ने कहा कि हर युग में लोगों ने राम को जीया है। हर युग में लोगों ने अपने-अपने शब्दों में, अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है। यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है।

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