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INDIA की बैठक में कांग्रेस को लग सकता है झटका, इस राज्य में सिर्फ दो सीटों पर ही उतार पाएंगे उम्मीदवार

नई दिल्ली. हिंदी पट्टी के तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस को उसके साथी दलों ने आंख दिखाना शुरू कर दिया है। राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को लग रहा था कि पांच में से चार राज्यों में उनकी पार्टी की सरकार बनेगी। लेकिन मामला इनके विपरीत गया। इससे इंडिया गठबंधन में उनका बारगेनिंग पॉवर बढ़ जाएगा। जब सीटों का बंटवारा किया जाएगा तब दल अपनी शर्तों पर समझोता करेंगे होगा। इस कारण कांग्रेस ने चुनाव प्रचार के समय इंडिया गठबंधन में शामिल किसी दल से सहयोग नहीं मांगा है। सहयोग न मांगने के पीछे की रणनीति यह थी कि जीत का पूरा श्रेय कांग्रेस को मिले। लेकिन नतीजे आए तो कांग्रेस को सिर्फ तेलंगाना में बहुमत मिला और हिंदी पट्टी से पार्टी का सूपड़ा साफ हो गया।

कांग्रेस को लगा बड़ा झटका

नतीजे आने के बाद से INDIA गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस को झटका पर झटका लग रहा है। एक तरफ आम आदमी पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने पंजाब की सभी 13 सीटों पर लड़ने की दावेदारी पेश कर दी है तो वहीं बंगाल में तृणमूल कांग्रेस महज दो सीटें ही कांग्रेस के लिए छोड़ने को तैयार है। 19 दिसंबर मंगलवार को इंडी अलायंस की चौथी मीटिंग होगी। जिसमें सीएम ममता बनर्जी सीट शेयरिंग पर बात करने का इरादा लेकर जा रही हैं। इसे लेकर टीएमसी के सूत्रों का कहना है कि टीएमसी कांग्रेस के लिए बंगाल में सिर्फ मालदा और बरहामपुर सीट छोड़ने को तैयार हैं।
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इन राज्यों में भी लग सकता है झटका

पंजाब और बंगाल के बाद कांग्रेस को दिल्ली, यूपी, बिहार और महाराष्ट्र से सीट शेयरिंग में समय झटका लगने की संभावना है। दिल्ली में कांग्रेस पार्टी 7 में से 3 सीट मांग रही है, जबकि पिछले दो विधानसभा और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का यहां खाता भी नहीं खुला। यूपी में 80 सीटें हैं और यहां भी कांग्रेस का पिछले कई चुनावों से बुराहाल रहा। अगर यहां कांग्रेस आलाकमान अखिलेश को गठबंधन में आने के लिए मना भी लेती है फिर भी सपा यहां कांग्रेस को पांच सीट से ज्यादा नहीं देगी। ऐसा ही हाल बिहार और महाराष्ट्र में भी रहने वाला है क्योंकि इन दोनों राज्यों में भी क्षत्रप कांग्रेस से मजबूत स्थिति में है।

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