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रामलला के लिए आज होगा मतदान, कौन-कौन कर सकता है वोट ?, 22 जनवरी को होगी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा

नई दिल्ली. Ayodhya ram Mandir:

श्रीराम की नगरी अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी। इसके लिए युद्ध स्तर पर तैयारी की जा रही है। पावनधरा अयोध्या धाम को पूरी तरह से सजाया जा रहा है। राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से अतिथियों को न्योता भेजा जा रहा है। इस बीच राम मंदिर के अंदर विराजित होने वाली मूर्ति को लेकर बड़ी खबर आ रही है।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की तरफ से आ रही जानकारी के मुताबिक राम मंदिर के गर्भगृह में विराजित होने वाली रामलला की मूर्ति का फैसला करने के लिए मतदान कराया जाएगा। अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन की जिम्मेदारी संभालने वाले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक में मतदान कराया जाएगा। शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंचेंगे। ऐसे में ट्रस्ट उसी दिन मूर्ति चयन को अंतिम रूप दे सकता है। अभिषेक समारोह 16 जनवरी से शुरू होगा। जिसे सात दिनों की अवधि में आयोजित किया जाएगा। इससे पहले मूर्ति चयन किया जाना है।

राजस्थान के पत्थर से श्वेत तो उड़ीसा के पत्थर पर श्याम वर्ण में राम

इस समय अयोध्या में देश के तीन मूर्तिकारों की ओर से रामलला की मूर्ति तैयार की जा रही है। राजस्थान के मूर्तिकारों की एक टीम ने विशेष प्रमाणित श्वेत संगमरमर पर रामलला की मूर्ति तैयार की है। वहीं उड़ीसा और दक्षिण भारत की टीम ने श्याम वर्ण में रामलला की मूर्ति तैयार की है। एक मूर्ति रामलला की और तैयार की गई है। अब इन्हीं में से किसी एक का चयन किया जाएगा।

मूर्ति ऐसी जिसे देख बच्चों जैसा आए प्यार 

श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि सभी भव्य हैं। अब इसमें से एक का चयन किया जाना है। उसे ही मंदिर में 22 को अभिषेक के समय स्थापित किया जाएगा। ट्रस्ट के सचिव चंपतराय ने कहा है कि जिसमें सबसे अच्छी दिव्यता होगी और जिसे देखकर बच्चों जैसा दुलार आए, उसका चयन किया जाएगा।

तीन चरण में मंदिर निर्माण

श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि निर्माण कार्य को तीन चरणों में वर्गीकृत किया है। पहला चरण दिसंबर 2023 तक पूरा हो जाएगा, दूसरा चरण तब शुरू होगा जब मंदिर का निर्माण पूरा होगा। इसे जनवरी में किया जाएगा और तीसरे चरण में निर्माण शामिल कार्य जटिल हैं।

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