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Railway: हादसे रोकने के लिए रेलवे ने किया कवच प्रणाली का ट्रायल, मथुरा-पलवल के बीच तेज रफ्तार के दौरान किया परीक्षण

नई दिल्ली. रेल हादसों पर लगाम लगाने के लिए रेलवे विभाग लगातार कार्य कर रहा हैं। रेलवे ने मथुरा और पलवल के बीच 140 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कवच दक्षता का ट्रायल किया। इससे पहले दक्षिण मध्य रेलवे में तीन खंडों में प्रणाली शुरू करने से पहले कई स्थानों पर 130 किमी प्रति घंटे की गति से ऐसे परीक्षण किए थे। आगरा मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा कि नतीजा बेहद उत्साहजनक रहा हैं। हम अनुसंधान डिजाइन और मानक संगठन (आरडीएसओ) और अन्य हितधारकों के साथ रिपोर्ट का विस्तार से विश्लेषण करेंगे, ताकि इस पर और सुधार ला सकें। हमने मथुरा और पलवल के बीच 80 किलोमीटर की दूरी पर एक संपूर्ण कवच नेटवर्क विकसित किया है। इसमें स्टेशन क्षेत्रों और अन्य स्थानों पर रेलवे पटरियों पर आरएफआईडी (IFID) टैग लगाना शामिल है। कई स्थानों पर स्थिर कवच इकाई की स्थापना स्टेशनों के रूप और पटरियों के किनारे टॉवर और एंटीना की स्थापना भी इस एंटी-ट्रेन टकराव प्रणाली के आवश्यक घटक थे।

कवच प्रणाली का किया जा रहा परीक्षा 

रेलवे से जुड़े आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सिस्टम की दक्षता जांचने के लिए और अधिक परीक्षणों की आवश्यकता होती हैं। अगर सिस्टम के सभी पैरामीटर 140 किलोमीटर प्रति घंटे पर ठीक काम कर रहे हैं, तो हम 160 किमी प्रति घंटे तक की उच्च गति पर परीक्षण करेंगे। भारत के सभी रेल नेटवर्कों में दिल्ली और आगरा के बीच तीन हिस्सों में 125 किलोमीटर की दूरी केवल ऐसी जगह है, जहां ट्रेनें 160 किमी प्रति घंटे की अधिकतम गति से चल सकती हैं।,

मथुरा-पलवल के बीच तेज रफ्तार के दौरान किया परीक्षl: 

रेलवे के मुताबिक कवच प्रणाली दक्षिण मध्य रेलवे में 1,465 रूट किमी और 139 लोकोमोटिव पर तीन खंडों में पहले से ही काम कर रही है। हालांकि, गति प्रतिबंध के कारण उस मार्ग पर परीक्षण नहीं किया जा सकता है। एक रेलवे अधिकारी ने कहा, इस दिल्ली-आगरा खंड को छोड़कर भारत के सभी रेल नेटवर्क पर ट्रेनें अधिकतम 130 किमी प्रति घंटे की गति से चलती हैं।

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