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Japanese robot in Europe: अब यूरोप में मजदूरों की जगह लेंगे जापानी रोबोट्स, मजदूरी बढ़ने से बेहाल देश

Japanese robot in Europe

नई दिल्ली. Japanese robot in Europe: जापान की सबसे बड़ी रोबोटिक्स कंपनियों में से एक फैनुक ने बार्सिलोना के पास अपने स्पेनिश बिक्री केंद्र का आकार चौगुना कर लिया। इस कारण यूरोप में इसका विस्तार हुआ है। जर्मनी, इटली और तुर्की में इसकी सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। चीन और जापान जैसे बड़े खिलाड़ियों के बीच रोबोट्स तकनीक लगातार समृद्ध हो रही है। माल गोदामों से लेकर चिकित्सा के क्षेत्र में इस्तेमाल बढ़ रहा हैं। अब श्रमिकों की कमी और बढ़ते मजदूरी खर्च जैसी समस्याओं को दूर करने के लिए यूरोप के देश जापानी रोबोट्स का सहारा लेने लगे हैं। इससे लागत तो काम हुई है साथ ही उत्पादकता में बढ़ोतरी का अतिरिक्त लाभ हो रहा है। यूरोप में ऐसे रोबोट्स आम होते जा रहे हैं, जो भोजन परोसने से लेकर कारखानों में वेल्डिंग तक का काम करते हैं।

श्रमिकों की कमी बढ़ा रही मुसीबत

अब तक रोबोट श्रमिकों की मांग बड़े पैमाने पर एशिया तक केंद्रित रही है और लगभग तीन-चौथाई नए रोबोट इकाइयां इसी क्षेत्र में स्थापित किए हैं। एशिया में एक दशक में ऑटोमेशन की तत्काल आवश्यकता बढ़ी है, क्योंकि कम जन्म दर और उम्रदराज होती आबादी के कारण श्रमिकों की कमी कंपनियों की मुसीबतें बढ़ा रही है।

यूरोजोन में मजदूरी में रेकॉर्ड स्तर पर वृद्धि

जापानी रोबोटिक्स कंपनियों के लिए चीन लंबे समय से सबसे बड़ा बाजार रहा है। चीन में विनिर्माण में उपयोग किए जाने वाले रोबोट्स की संख्या 2021 में प्रति 10,000 कर्मचारियों पर 322 यूनिट के अनुपात तक पहुंच गई, जो अमरीका में रोबोट घनत्व से अधिक था। लेकिन चीन में आर्थिक मंदी के कारण कारखानों की गतिविधियां घटी, इससे जापानी रोबोट्स की मांग में गिरावट आई है। गत वर्ष की तीसरी तिमाही में यूरोजोन में मजदूरी में 4.7 प्रतिशत की रेकॉर्ड वृद्धि हुई। मजदूरी खर्च बढ़ने से उद्योग जगत हैरान है। इसके तोड़ के रूप में यूरोप सहित दुनियाभर में रोबोट्स का उपयोग व इस तकनीकी में निवेश बढ़ा है।

एआइ से युक्त रोबोट्स बढ़ाएंगे उत्पादकता

कंपनियां पहले से ही यूरोपीय संघ के तंग श्रम बाजार में श्रमिकों को खोजने के लिए संघर्ष कर रही थीं। ऐसे में कई कंपनियां अब रोबोट्स का प्रयोग करने लगी हैं। ये रोबोट्स पेंटिंग, वेल्डिंग, गुणवत्ता निरीक्षण और खतरनाक रसायनों को संभालने जैसे कामों में सक्षम हैं। माना जा रहा है कि जेनरेटिव आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) से युक्त रोबोट, गतिविधियों के दायरे को बढ़ाकर उत्पादकता में वृद्धि करेंगे। यूरोपीय संघ, कारखानों में रोबोट्स की तैनाती के मामले में दूसरे स्थान पर है। यहां जर्मनी, इटली और फ्रांस प्रमुख मार्केट हैं। जबकि देशों के मामले में दुनियाभर में सबसे ज्यादा रोबोट्स चीनी कारखानों में तैनात हैं और भारत का स्थान 11वां है।

कारखानों में रोबोट्स की नियुक्ति

  1. क्षेत्र 2022 के दौरान(%)
  2. एशिया 73
  3. यूरोप 15
  4. अमरीका 10
  5. स्रोत: वर्ल्ड रोबोटिक्स रिपोर्ट, 2023
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