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Lok sabha elections: राहुल कस्वा ने दिए संकेत, अब भाजपा से बगावत कर मैदान में ठोक सकते हैं ताल!

सांसद राहुल कसवा की सभा में उमड़ी भीड़

चूरू .Lok sabha elections: लोकसभा चुनाव को लेकर राजस्थान के चूरू जिले की भाजपा की सियासत में भूचाल आ गया है। ये सियासी उठापटक के बीच टिकट कटने के बाद सांसद राहुल कस्वा आज शुक्रवार को जनता से रूबरू हुए। उन्होंने सादुलपुर में सभा कर राजनीतिक गलियारों में एक संकेत दे दिया है। हजारों लोगों की मौजूदगी में सांसद राहुल कस्वा ने सोशल मीडिया पर पूछे गए सवालों को भी दोहराया। लेकिन उन्होंने जनता से भी राय मांग ली कि आगे क्या करना है। लेकिन राहुल ने भी संकेत दे दिए कि वे आपके आदेश की पालना करने से पीछे नहीं हटेंगे। उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि इतनें सालों से जनता को जो हाथ पकडा वो हाथ छूटने वाला नहीं है। उनकी इस बात से साफ हो गया कि वे भाजपा से बगावत कर मैदान में ताल ठोक सकते हैं।

दो दिन का मांगा समय

Mp Rahul kaswan
Mp Rahul kaswan

सांसद राहुल कस्वा ने सादुलपुर में आयोजित सभा में दो दिन का समय मांगा है। ऐसे में सियासी गलियारों में कयास लगाए जा रहे है कि राहुल कांग्रेस से हाथ मिला सकते हैं। क्योंकि वर्तमान में चूरू जिले में कांग्रेस के पास मजबूत दावेदार सामने नहीं आ रहा है। वहीं राहुल कस्वा की नाराजगी को कांग्रेस भी भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी। ऐसी चर्चा परवान पर है।

दिन में तीन-तीन बार फोन किए, नहीं मिला जवाब

उन्होंने सभा में कहा कि आ​खिर मेरा कसूर क्या था। टिकट कटने से पहले पूछ लेते। यदि मेरी कोई गलती रही है और टिकट काटा है तो दूसरे कार्यकर्ताओं के लिए भी नजीर बन जाती, लेकिन पार्टी ने एक बार भी पूछा तक नहीं । जब टिकट कटने की जानकारी लगी तो मैने शीर्ष नेतृत्व से इसका कारण जानने का प्रयास किया, दिन में तीन-तीन बार फोन किए लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

कुछ लोग जयचंदों की भूमिका निभा रहे

राहुल कस्वा पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग जयचंदों की भूमिका निभा रहे हैं। मेरे पिता रामसिंह कस्वा की टिकट कटवाने का काम किया। 2014 में मुझे पार्टी ने टिकट दिया और जनता के आशीर्वाद से विजयी हासिल की। लेकिन यही जयचंद 2019 में फिर पार्टी से मेरी टिकट काटने की मांग करने लगे। इससे साफ है कि ये लोग दू​षित मानसिकता के ​शिकार हैं।

राहुल कस्वां के पोस्टर से हटा कमल

सादुलपुर जाने से पहले सांसद राहुल कस्वां ने एक पोस्ट में हिंट देकर सियासी मैदान में एक नई चर्चा को जन्म दे दिया। उन्होंने ये भी जता दिया कि वे क्या फैसला लेने वाले हैं। उनकी ओर से जो पोस्ट सोशल मीडिया पर अपलोड की गई है, उसमें से कमल का निशान अब गायब हो गया है। हालांकि, उन्होंने बायो और कवर फोटो में कोई परिवर्तन नहीं किया है। लेकिन अब ये माना जा रहा है कि राहुल भाजपा छोड़ कांग्रेस का हाथ थाम सकते हैं।

चूरू से टिकट कटना बना चर्चा का विषय

गौरतलब है कि भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की ओर से राजस्थान की 15 लोकसभा सीटों की घोषणा की गई। उसमें चूरू लोकसभा क्षेत्र भी शामिल है। लेकिन इसमें नाम दो बार के सांसद राहुल कस्वा का नहीं है। इस बार भाजपा ने पैरा ओलंपियन ​खिलाड़ी देवेन्द्र झाझडि़या को मैदान में उतारा है।

टिकट कटने का ये माना जा रहा कारण

विधानसभा चुनाव में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे राजेन्द्र राठौड़ तारानगर विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के प्रत्याशी थे। यहां पर राठौड़ चुनाव हार गए थे। जब उनके कार्यकर्ताओं ने मंथन किया तो ये बात सामने आई कि सांसद राहुल कस्वा ने उन्हे हराने का काम किया है। इसको लेकर एक ऑडियो भी वायरल हुआ था। जिसके बाद राठौड़ समर्थकों ने राहुल कस्वा स्वीकार नहीं के पोस्टर लगाए थे। यही नहीं जब लोकसभा चुनावों के टिकट को लेकर मंथन शुरू हुआ तो सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि राजेन्द्र राठौड़ के कहने पर ये टिकट काटा गया है।

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Author: indianews24

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