नई दिल्ली. विदेश मंत्री एस जयशंकर विभिन्न द्विपक्षीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करने सोमवार से 29 दिसंबर तक रूस की पांच दिवसीय यात्रा पर जाएंगे। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने रविवार को यात्रा की घोषणा करते हुए कहा कि जयशंकर मॉस्को के साथ सेंट पीटर्सबर्ग भी जाएंगे। इस दौरान दोनों पक्षों के बीच द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं, व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और कनेक्टिविटी के क्षेत्रों पर चर्चा की उम्मीद है।
पांच दिन की रहेगी यात्रा
विदेश मंत्रालय ने रविवार को बताया था कि विदेश मंत्री जयशंकर मॉस्को के साथ-साथ सेंट पीटर्सबर्ग भी जाएंगे। वह दोनों पक्षों के बीच चल रहे उच्च स्तरीय आदान-प्रदान के तहत 25 से 29 दिसंबर तक रूस की यात्रा करेंगे।
भारत-रूस साझेदारी स्थिर
बयान में कहा है कि समय की कसौटी पर खरी उतरी भारत-रूस साझेदारी स्थिर और लचीली बनी हुई है। ऐसे में, विदेश मंत्री आर्थिक संबंधों से संबंधित मामलों पर चर्चा करने के लिए रूस के उप प्रधानमंत्री और उद्योग एवं व्यापार मंत्री डेनिस मंतुरोव से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा, वह अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय, बहुपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करेंगे।
ये भी पढें: आतंकी साजिश कर दी नाकाम: LOC के पास मिला हथियारों का जखीरा, ड्रोन से गिराई छह IED और हथियार बरामद
मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में भी कार्यक्रम
मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों और सांस्कृतिक संबंधों को ध्यान में रखते हुए विदेश मंत्री जयशंकर मॉस्को और सेंट पीटर्सबर्ग में कार्यक्रम शामिल होंगे। समझा जा रहा है कि इस यात्रा के दौरान दोनों पक्ष द्विपक्षीय संबंधों के विभिन्न पहलुओं खासकर व्यापार, ऊर्जा, रक्षा और संपर्क के क्षेत्रों पर चर्चा कर सकते हैं। जयशंकर की यात्रा ऐसे समय हो रही है जब यह स्पष्ट हो गया है कि वार्षिक भारत-रूस नेताओं का शिखर सम्मेलन इस साल भी नहीं होगा। भारत के प्रधानमंत्री और रूसी राष्ट्रपति के बीच शिखर सम्मेलन दोनों पक्षों के बीच रणनीतिक साझेदारी में सर्वोच्च संस्थागत संवाद तंत्र है। अब तक भारत और रूस में बारी-बारी से 21 वार्षिक शिखर सम्मेलन हो चुके हैं। पिछला शिखर सम्मेलन दिसंबर 2021 में नई दिल्ली में हुआ था।
ये भी पढ़ें: उपराष्ट्रपति ने कही ये बड़ी बात : विदेश में देश को बदनाम करना गलत, आज सब सुनते हैं भारत की बात
कच्चे तेल का आयात बढ़ा
जयशंकर की यात्रा के दौरान, दोनों पक्षों द्वारा राष्ट्रीय मुद्राओं में द्विपक्षीय व्यापार करने के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव पर चर्चा की उम्मीद है। कई पश्चिमी देशों में इसे लेकर बढ़ती बेचैनी के बावजूद भारत का रूसी कच्चे तेल का आयात काफी बढ़ा है।
![indianews24](https://secure.gravatar.com/avatar/163d46dbc97c230ebe8e72002e386dfa?s=96&r=g&d=https://indianews24.online/wp-content/plugins/userswp/assets/images/no_profile.png)
Author: indianews24
![Voice Reader](https://indianews24.online/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/play.png)
![Stop Voice Reader](https://indianews24.online/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/stop.png)
![Pause](https://indianews24.online/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/pause.png)
![Resume](https://indianews24.online/wp-content/plugins/magic-post-voice/assets/img/play.png)