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Haryana news: हरियाणा में नजर आने लगा ट्रक चालकों की हड़ताल का असर, पेट्रोल पंपों पर कम पहुंच रहा तेल

चंडीगढ़. हाल ही देश में लागू किए गए नए हिट एंड रन कानून(hit and run law) के खिलाफ हरियाणा में भी ट्रांसपोर्टर और ट्रक चालक लामबंद हो रहे हैं। 29 दिसंबर से चालकों के हड़ताल पर चले जाने से अब इसका असर नजर आने लगा है। सबसे अधिक असर प्रदेश के पेट्रोल पंपों पर दिखा। पहले के मुकाबले अब पंपों पर तेल का स्टॉक कम हो गया है। क्योंकि निजी ट्रकों के चक्के थम गए और उन्होंने कंपनियों से तेल लाना फिलहाल बंद कर दिया है। जबकि जिन पेट्रोल पंपों के खुद के वाहन हैं, वे ही तेल पहुंचा पा रहे हैं। अगर चालकों की हड़ताल लंबी चली तो प्रदेश को डीजल और पेट्रोल दोनों की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है। प्रदेश में कुल तीन हजार पेट्रोल पंप हैं। निजी ट्रक चालक पानीपत स्थित रिफाइनरी और बहादुरगढ़ स्थित प्लांट से तेल नहीं भरवा रहे। इससे पंपों पर तेल की कमी होने लगी है।

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भारतीय न्याय संहिता 2023 में हुए संशोधन के बाद हिट एंड रन के मामलों में दोषी ड्राइवर पर सात लाख रुपये तक का जुर्माना और 10 साल तक कैद का प्रावधान किया है। इसके विरोध में गाड़ी चालक और ट्रांसपोर्टर खुलकर आ गए हैं। ट्रांसपोर्टर राजेंद्र कुमार का कहना है कि दुर्घटनाएं जानबूझकर नहीं की जाती हैं और ड्राइवरों को अक्सर डर होता है कि अगर वे घायलों को अस्पताल ले जाने का प्रयास करते हैं तो उन्हें भीड़ की हिंसा का शिकार होना पड़ेगा। इसलिए इसे रद्द किया जाए। ट्रांसपोर्टर अपनी हड़ताल को सफल बनाने के लिए निजी बस संचालकों, ऑटो रिक्शा सहित अन्य संगठनों को भी साथ जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।

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मंडियों पर नजर आएगा असर

अगर चालकों की हड़ताल लंबी चली तो प्रदेश की मंडियों पर भी इसका असर देखने को दिखेगा। सब्जी मंडियों में इसका असर अधिक होगा, क्योंकि अधिकतर सब्जी बाहरी राज्यों से आती हैं। दिल्ली, हिमाचल और अन्य प्रदेशों से वाहनों की संख्या कम होने लगी है। इसके अलावा, जम्मू कमशीर से मेवों समेत अन्य खाद्यों पदार्थों की आपूर्ति होती है। इसके अलावा राजस्थान में भी ट्रकों के चक्के थम गए। जिससे प्रदेश की व्यवस्था बाधित हो रही है।

कानून नहीं, ये तानाशाही है: गोगी

असंध से कांग्रेस के विधायक और हरियाणा पेट्रोल पंप एसोसिएशन के पूर्व राज्य प्रधान शमशेर सिंह गोगी ने कहा कि यह कानून तानाशाही का है। अगर ये कानून रहा तो कोई भी गाड़ी नहीं चलाएगा। जब गाड़ी ही नहीं चलेगी तो यकीनन पेट्रोल पंपों पर तेल कैसे पहुंचेगा। कोई भी नहीं चाहता कि हादसा हो लेकिन इतनी बड़ी सजा और जुर्माना किसी भी सूरत में व्यावहारिक नहीं है। तुरंत प्रभाव से इसे वापस लिया जाना चाहिए।

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