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रामलला प्राण प्रतिष्ठा: वे 14 लोग जो पत्नियों के साथ होंगे यजमान, किनको  मिला यह दुर्लभ मौका, आप भी जानें

अयोध्या. ramlala pran pratishtha: अयोध्या में भव्य राम मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति की 22 जनवरी को होने जा रही प्राण प्रतिष्ठा के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से आए 14 दंपति ‘यजमान’ होंगे। RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने बताया कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की ओर से दी गई सूचना के मुताबिक अनुष्ठान 16 जनवरी को शुरू हुआ और शनिवार को इसका पांचवा दिन था। उन्होंने शनिवार को मीडिया को बताया कि हिंदू धर्म के तहत एक मंदिर की पूजा में काफी अनुष्ठान होते हैं। इसमें कई ‘अधिवास’ होते हैं। रामलला की मुख्य प्राण प्रतिष्ठा पूजा में 14 दंपति हिस्सा लेंगे। ये सभी भारत के उत्तर, पूर्व, पश्चिम, दक्षिण और पूर्वोत्तर हिस्सों से हैं। ये मुख्य यजमान होंगे। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के मौके पर ‘यजमानों’ की सूची में उदयपुर से रामचंद्र खरादी, असम से राम कुई जेमी, जयपुर से गुरुचरण सिंह गिल, हरदोई से कृष्ण मोहन, मुल्तानी से रमेश जैन, तमिलनाडु से आदलरासन और महाराष्ट्र से विठ्ठल कामनले शामिल हैं। इसी तरह महाराष्ट्र के लातूर में घुमंतू समाज ट्रस्ट से महादेव राव, कर्नाटक से लिंगराज बासवराज, लखनऊ से दिलीप वाल्मिकी, डोम राजा के परिवार से अनिल चौधरी, काशी से कैलाश यादव, हरियाणा के पलवल से अरुण चौधरी और काशी से कवींद्र प्रताप सिंह को भी इस सूची में शामिल किया गया हैं।

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14 यजमान पत्नियों के साथ शामिल होंगे

अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील अंबेकर ने बताया कि ये लोग इस समारोह में अपनी पत्नी के साथ शामिल होंगे। इनका व्यापक ‘सहभाग’ होगा और धार्मिक ग्रंथों में जैसा उल्लेख है उसी प्रकार से समग्र पूजा की जा रही है। उन्होंने कहा कि इस देश के हर हिस्से से लोग भगवान राम की जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण चाहते थे। कई लोगों ने इसके लिए संघर्ष किया। देश के हर कोने से लोग विभिन्न कार्यक्रमों में शामिल रहे हैं और इसके लिए अभियान चलाया। इसलिए हर कोई इस मंदिर से जुड़ना चाहता है, क्योंकि यह एक ऐतिहासिक क्षण है।

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भगवान रामलला की मूर्ति से जुड़े कई अनुष्ठान संपन्न

शनिवार को हुए अनुष्ठान में भगवान रामलला की मूर्ति को देश के विभिन्न हिस्सों से लाई गई शक्कर और पुष्प अर्पित किए। इस समारोह के एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू में मूर्ति को स्नान कराना और गर्भगृह का शुद्धीकरण शामिल रहाहै, जिसमें देश से विभिन्न धार्मिक स्थानों से लाए जल से शुद्धीकरण किया गया। अधिकारियों ने बताया कि 16 जनवरी को प्रारंभ हुआ यह अनुष्ठान आरएसएस नेता अनिल मिश्रा और उनकी पत्नी ऊषा मिश्रा द्वारा किया जा रहा है। अनिल मिश्रा श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के 15 न्यासियों में से एक हैं। मैसूर के शिल्पकार अरुण योगीराज द्वारा तैयार रामलला की 51 इंच की मूर्ति को गुरुवार दोपहर राम मंदिर के गर्भगृह में स्थापित किया गया।

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