जयपुर. Bharat Ratna: मोदी सरकार ने हाल ही में भारत रत्न पुरस्कार की घोषणा की है। इसको लेकर सियासी पारा गरमा गया है। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा को निशाने पर लेने से नहीं चुके। उन्होंने कहा कि चुनावी साल में भाजपा भारत रत्न पुरस्कार को लेकर राजनीतिकरण करने का प्रयास कर रही है। लेकिन इससे NDA को कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने भारत रत्न सम्मान का चुनावीकरण और राजनीतिकरण करने का आरोप भी लगाया है।
भारत रत्न के मामले को लेकर गहलोत ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि 1 वर्ष में अधिकतम तीन भारत रत्न देने का नियम तोड़कर इस सम्मान का चुनावीकरण और राजनीतिकरण किया है। इसके अलावा सम्मान की गरिमा भी कम की गई है। यह सब चुनाव में फायदा लेने का प्रयास है। मुझे नहीं लगता कि इन फैसलों से NDA को कोई बड़ा लाभ मिल सकेगा।
भारत रत्न मिलने वाली विभूतियों का सम्मान करते हैं : गहलोत
गहलोत ने कहा कि भारत सरकार की ओर से पांच विभूतियों को भारत रत्न दिए जाने का हम स्वागत करते हैं। इन विभूतियों के लिए हमारे दिल में अथाह सम्मान है और इन्होंने देश के लिए अतुलनीय योगदान किया है, लेकिन फिर भी गहलोत ने चुनाव साल में पांच विभूतियों को भारत रत्न देने पर उन्होंने मोदी सरकार के फैसले पर सवाल उठाएं हैं।
अघोषित आपातकाल जैसी आशंका
गहलोत ने कहा कि यदि NDA सरकार सच में इनके योगदान को सम्मानित करना चाहती है तो, श्री कर्पूरी ठाकुर के पिछड़ों के उत्थान के लिए किए गए प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए जातिगत जनगणना करवाए। चौधरी चरण सिंह और एमएस स्वामीनाथन की मांग अनुसार न्यूनतम समर्थन मूल्य का कानून बनाए एवं पीवी नरसिम्हा राव की ओर से बनाए गए प्लेस ऑफ वर्शिप एक्ट की पालना सुनिश्चित करवाए। जिसकी आजकल रोज अवहेलना की जा रही है और एनडीए सरकार के दौरान लालकृष्ण अडवाणी ने जताई गई अघोषित आपातकाल जैसी आशंका के माहौल को सामान्य करने का प्रयास करें। अन्यथा सब यही मानेंगे कि ये सम्मान सिर्फ चुनावी लाभ के लिए हैं।