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Ram Mandir : रामलला का इन दिव्य आभूषण और वस्त्रोंं से किया गया विशेष शृंगार, जानें क्या है इनका महत्व

नई दिल्ली. lord ram lalla jewellery:
अयोध्या में पांच साल के बालक रूप वाले रामलला का विशेष शृंगार किया गया। उन्हें दिव्य आभूषणों और परिधानों से भी सजाया गया। ये आभूषण रामायण और रामचरितमानस सहित कई ग्रंथों में वर्णित श्रीराम की शास्त्रसम्मत शोभा के अनुसार ही तैयार किए गए। रामलला के बाएं हाथ में सोने का धनुष है। इसमें मोती, माणिक्य और पन्ने की लटकनें हैं। दाहिने हाथ में सोने का बाण है। गले में रंग-बिरंगे फूलों की आकृतियों वाली वनमाला धारण कराई गई है। इसके अलावा रामलला के प्रभा-मण्डल के ऊपर स्वर्ण छत्र है। मस्तक पर पारम्परिक मंगल-तिलक को हीरे और माणिक्य से रचा गया।

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पन्ना और हीरे से जड़ा है सोने का मुकुट

शीष पर माणिक्य, पन्ना और हीरे से जड़ा सोने का मुकुट है। मुकुट के बीच सूर्य देवता अंकित हैं। मुकुट की डिजाइन के हिसाब से कर्ण और अन्य आभूषण बनाए गए। इनमें मयूर आकृतियां सोने, हीरे, माणिक्य और पन्ने से सुशोभित हैं। रामलला के हृदय (सीने) पर कौस्तुभमणि बड़े माणिक्य और हीरों से बना है। शास्त्र-विधान है कि भगवान विष्णु और उनके अवतार हृदय पर कौस्तुभमणि धारण करते हैं।

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हार में सुदर्शन चक्र, पद्मपुष्प, शंख और कलश

नाभि-कमल से ऊपर रामलला ने हार पहन रखा है। इसका देवताओं के अलंकरण में विशेष महत्त्व है। यह हीरे और पन्ने का ऐसा पंचलड़ा है, जिसके नीचे बड़ा-सा पेंडेंट लगा है। रामलला को सोने से निर्मित लंबा हार भी पहनाया गया है। इसे विजय के प्रतीक के रूप में पहनाया जाता है। इसमें वैष्णव परंपरा के मंगल चिह्न सुदर्शन चक्र, पद्मपुष्प, शंख और कलश दर्शाए हैं।

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दोनों हाथों में रत्न जडि़त कंगन

पांच देवताओं के प्रिय पुष्पों कमल, चंपा, पारिजात, कुंद और तुलसी का भी अलंकरण किया है। रामलला के कमर में करधनी रत्न जडि़त है। पवित्रता का बोध कराने वाली छोटी-छोटी पांच घंटियां इसमें लगाई हैं। दोनों हाथों में रत्न जडि़त कंगन तो पैरों में छड़ा और सोने की पैजनियां हैं।

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