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Loksabha Election 2024: अब भाजपा को लगा झटका, सुबह दिया इस्तीफा… दोपहर को कांग्रेस में शामिल

malikarjun kharge

नई दिल्ली. Loksabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 से देश में दल बदलने का दौर शुरू हो गया है। एक तरफ राजस्थान में कांग्रेस छोड़ नेता भाजपा में शामिल हुए। वहीं अब हरियाणा भारतीय जनता पार्टी को बड़ा झटका लगा है। हरियाणा के हिसार में भाजपा के लोकसभा सांसद ब्रिजेंद्र सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे की मौजूदगी में बृजेंद्र चौधरी ने कांग्रेस का दामन थाम लिया। कांग्रेस अध्यक्ष ने बृजेंद्र चौधरी को फूलों का गुलदस्ता देकर पार्टी में शामिल किया। इस मौके पर कई कांग्रेस नेता मौजूद रहे।

कांग्रेस के हो गए बृजेंद्र सिंह

हरियाणा की कांग्रेस नेता कुमारी शैलजा ने बताया कि वरिष्ठ नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह के बेटे और हिसार से भाजपा सांसद बृजेंद्र सिंह ने भगवा पार्टी छोड़कर, हम सबकी प्रेरणा स्त्रोत सोनिया गांधी, हमारे शीर्ष नेतृत्व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे एवं राहुल गांधी के विचारों में आस्था जताते हुए, आज कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।

Lok sabha Election 2024: राजस्थान में कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले तगड़ा झटका, 25 से ज्यादा नेता BJP में शामिल

PM मोदी और BJP का जताया आभार

कांग्रेस का दामन थामने के बाद बृजेंद्र सिंह ने कहा कि BJP से इस्तीफा देकर कांग्रेस में शामिल हो रहा हूं। मैं पीएम और पार्टी का भी आभारी हूं की 5 साल के लिए मुझे मौका दिया है। कुछ राजनीतिक मसले थे जिनकी वजह से मैं असहज था, इनमें में से कुछ किसानों से जुड़े हुए थे। अब मैंने बाध्यकारी राजनीतिक कारणों से भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।

ये है राजनीतिक पृष्ठभूमि

बृजेंद्र सिंह के पिता बीरेंद्र सिंह 1977 में कांग्रेस के टिकट पर उचाना कलां से चुनाव लड़े थे और बड़े अंतर से जीत हासिल की थी। वह 1982 में फिर विधायक बने और प्रदेश में सहकारिता और डेयरी विकास मंत्री बने थे। 1984 में उन्होंने हिसार लोकसभा सीट से ओमप्रकाश चौटाला को हराया था। 1991 में वह फिर से विधायक बने और राजस्व व योजना मंत्री बने। अपने पांचवें कार्यकाल में वह 2005 में विधायक बने थे। उन्होंने वित्त, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय संभाला था। 2010 में उनको राज्यसभा सदस्य चुना गया। 2013 में बीरेंद्र सिंह केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री बने। 28 अगस्त 2014 को उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दिया। इसके बाद वह 29 अगस्त 2014 को भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने 2016 में बीरेंद्र सिंह को राज्यसभा सदस्य बनाया। इस दौरान वह केंद्रीय इस्पात मंत्री बने। 2019 में उनके बेटे बृजेंद्र सिंह हिसार लोकसभा क्षेत्र से भाजपा सांसद बने। इसके बाद बीरेंद्र सिंह ने राज्यसभा से भी इस्तीफा दे दिया था।

भाजपा-जजपा गठबंधन ने बिगाड़े समीकरण

बीरेंद्र सिंह का मुख्य गढ़ उचाना कलां विधानसभा क्षेत्र है। यहां से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला विधायक हैं। भाजपा- जजपा का प्रदेश में गठबंधन हैं। बीरेंद्र सिंह, उनके बेटे सांसद बृजेंद्र सिंह और उनकी पत्नी पूर्व विधायक प्रेमलता बार-बार भाजपा-जजपा गठबंधन तोड़ने पर जोर दे चुके हैं, क्योंकि अगर गठबंधन में विधानसभा चुनाव हुए तो उचाना कलां से उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ही चुनाव लड़ेंगे और प्रेमलता को भाजपा का टिकट नहीं मिल सकता। अपनी पत्नी को भाजपा का टिकट दिलाने के लिए बीरेंद्र सिंह भाजपा पर दबाव बना रहे थे।

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