उदयपुर.Rajasthan News: राजस्थान में बारिश की कमी रहती है। पानी धीरे-धीरे रसातल में जा रहा है। जिससे लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ रहा है। लेकिन अब ऐसा हनीं होगा। क्योंकि एमपीयूएटी की ओर से एक ऐसी मशीन तैयार की गई है जो खेतों में क्यारियां बनाकर पानी को संरक्षित करने की दिशा में काम करेगी। इस मशीन का नाम है बेसिन लिस्टर। ये मशीन खेत में क्यारियां बनाएगी। बारिश के समय पानी भी इसमें संग्रहित होगा और जमीन की नमी भी बनी रहेगी। जिससे किसानों को भी फसल उत्पादन में लाभ मिलेगा। इस मशीन को भारत सरकार ने आठ अप्रेल को भी ही पेटेंट प्रदान किया है।
![Besin Lister](https://indianews24.online/wp-content/uploads/2024/04/besin-Lister-2-300x169.jpg)
इस मशीन का निर्माण महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विवि (एमपीयूएटी) के दो पूर्व प्रोफेसर्स ने किया है। ये एक ऐसा यंत्र है। जो सूखी जमीन को सींच देगा और बारिश का पानी बर्बाद नहीं होने देगा। इस मशीन को कॉलेज ऑफ टेक्नोलॉजी एंड एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग (सीटीएई) के इंजीनियरों ने डिजाइन किया है।
ऐसे आया आइडिया और कर दिया काम शुरू
जानकारी के अनुसार महाराष्ट्र के राउरी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर प्रवीण कदम एमपीयूएटी में पीएचडी करने आए थे। दरअसल महाराष्ट्र में भी पानी की कमी है और बारिश का अभाव रहता है। उन्होंने यहां कार्यरत प्रोफेसर शैलेन्द्र माथुर से चर्चा की और रेन वाटर हार्वेस्टिंग को बचाने को लेकर कार्य योजना तैयार की। इसके बाद दोनों प्रोफेसरों ने इस पर काम शुरू कर दिया। इस मशीन का बाजार मूल्य करीब चालीस से पचास हजार रूपए हैं।
मशीन बनाने में लगे डेढ़ साल
जानकारी के अनुसार दरअसल ये मशीन खेत में क्यारियां बनाने के काम आती है। जिसे बेसिन लिस्टर के नाम से भी जाना जाता है। इस मशीन को ट्रेक्टर के लगाकर जुताई भी की जाती है। इसकी लागत चालीस से पचास हजार पड़ती है। कोई भी व्यक्ति इस मशीन को खुद भी बना सकता है। जिसकी कोस्ट करीब 25 हजार रूपए तक आ जाती है। मशीन 2021 में बनाई। पहले इसका डिजाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन किया जिसका छह माह बाद ही सर्टिफिकेट मिल गया। इस मशीन को बनाने में करीब डेढ़ साल का समय लगा। हाल ही में 8 अप्रेल को भारत सरकार ने इसको पेटेंट भी जारी कर दिया। फिलहाल भारत सरकार के कृषि बीज अनुसंधान केन्द्र अजमेर में इसका ट्रायल किया जा रहा है।
मानसून की बरसात के पानी को रोक सकेंगे
ये बेसिन लिस्टर मशीन मानसून में बारिश के पानी को रोकने के लिए तैयार की है। ताकि पानी बर्बाद ना हो। इस मशीन के माध्यम से तैयार की गई क्यारियों के माध्यम से बहते पानी को आसानी से रोका जा सकेगा। जिस क्यारी में पानी ठहरेगा वहां पर जमीन की नमीं भी बनी रहेगी, किसानों को भी अधिक पानी की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस मशीन का उपयोग सूखाग्रस्त क्षेत्रों में आसानी से किया जा सकेगा।
मशीन खेत में बनाती है दो मीटर की क्यारी
अब इस रेन वाटर हार्वेस्टिंग मशीन को भारत सरकार से भी पेटेंट मिल गया है। ये खेत में दो मीटर की दूरी पर 6 मीटर मिट्टी की क्यारियां बनाएगी। इनको बेसिन कहा जाता है। इनमें बारिश के दौरान पानी स्टोर हो जाएगा।
ये हैं मशीन की तकनीकी विशेषता
इस मशीन को इंजीनियरों ने खास तरीके से तैयार किया है। जिसे आम आदमी का समझ पाना मुश्किल है। इसे बनाने के लिए लेकिन तकनीकी विशेषज्ञों से जानकारी जरूरी है। मशीन का क्षेत्र मूल्यांकन साइड बंड यूनिट की संचालन की गहराई (45, 70 और 95 मिमी), लिस्टर बंड के संचालन की गहराई (20, 30 और 40 मिमी) और ट्रैक्टर की आगे की गति (2, 3, 4, 5 और 6 किमी प्रति घंटे) स्वतंत्र मापदंडों के रूप में किया है। बेसिन की लंबाई, बेसिन की चौड़ाई का गठन, साइड बंड की ऊंचाई का गठन, लिस्टर बंड की ऊंचाई का गठन और ड्राफ्ट की आवश्यकता के रूप में किया है। मशीन 3 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से काम करेगी। साइड बंड यूनिट के संचालन की गहराई 95 मिमी होती है।
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Author: indianews24
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