जयपुर. ERCP Project: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (CM Bhajan Lal Sharma) ने केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत के साथ रविवार को संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक (integrated ercp) परियोजना के पूर्व-निर्मित एवं प्रस्तावित मुख्य घटकों बीसलपुर बांध, मेज बैराज, कालीसिंध बांध, चम्बल क्रासिंग, नवनेरा बैराज, डूंगरी बांध, रामेश्वर घाट, ईसरदा बांध का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान शर्मा ने कहा कि एकीकृत ईआरसीपी परियोजना के मूर्त रूप लेने से पूर्वी राजस्थान की दशकों पुरानी मांग पूरी होने जा रही है।
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के दो मुख्य घटकों नवनेरा बांध एवं ईसरदा बांध को जोडऩे से चम्बल और यमुना नदियों का व्यर्थ बह जाने वाला पानी सिंचाई एवं पेयजल आवश्यकताओं के लिए उपयोग में आ सकेगा। परियोजना के इस चरण में कालीसिंध नदी पर बने नवनेरा बांध का अतिरिक्त जल बनास नदी में छोड़कर ईसरदा बांध तक लाया जाएगा।
CM ने परियोजना के दो निर्माणाधीन मुख्य घटकों नवनेरा बैराज एवं ईसरदा बांध के निर्माण कार्यों का भी निरीक्षण किया व कार्यस्थल पर आमजन से संवाद किया। उन्होंने अधिकारियों को परियोजनाओं की गुणवत्ता के सभी मापदण्ड पूरे करते हुए समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने एवं परियोजना को अधिक से अधिक जनोपयोगी बनाने के निर्देश प्रदान किए। मुख्यमंत्री शर्मा ने संशोधित परियोजना के त्वरित क्रियान्वयन हेतु शीघ्र भूमि अवाप्ति के लिए कार्यालय खोले जाने, अधिकारियों की नियुक्ति किये जाने व इस प्रक्रिया को शुरू करने के संबंध में निर्देश प्रदान किए।
निर्माणाधीन नवनेरा बांध की प्रोजेक्ट रिपोर्ट का किया अवलोकन
मुख्यमंत्री ने निर्माणाधीन नवनेरा बांध पर पहुंचकर इसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट का अवलोकन किया। उन्होंने परियोजना की कार्ययोजना, नक्शा व अब तक हुए कार्यों की जानकारी ली तथा निर्माणाधीन बांध के अप-स्ट्रीम व डाउन-सट्रीम के विभिन्न हिस्सों का अवलोकन किया। इस दौरान अधिकारियों ने जानकारी दी कि नवनेरा बांध का लगभग 85 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है।
जनप्रतिनिधियों एवं आमजन ने जताया आभार
इससे पहले मुख्यमंत्री के कोटा एवं टोंक पहुंचने पर स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं आमजन ने इस परियोजना की सौगात देने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा का अभिवादन किया।
ERCP पूर्वी राजस्थान के लिए वरदान
उल्लेखनीय है कि हाल ही में केन्द्र सरकार, राजस्थान व मध्यप्रदेश सरकार द्वारा संशोधित पार्वती-कालिसिंध-चम्बल लिंक (एकीकृत ईआरसीपी) परियोजना के लिए त्रिपक्षीय एमओयू पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह परियोजना धरातल पर उतरने के बाद पूर्वी राजस्थान के लिए वरदान सिद्ध होगी। इससे क्षेत्र में पेयजल सुविधा सुलभ होने के साथ ही 2.80 लाख हैक्टेयर क्षेत्र को सिंचित किया जा सकेगा। इसके अंतर्गत रामगढ़ बैराज, महलपुर बैराज, नवनैरा बैराज, मेज बैराज, राठौड़ बैराज, डूंगरी बांध, रामगढ़ बैराज से डूंगरी बांध तक फीडर तंत्र, ईसरदा बांध का क्षमता वर्धन एवं पूर्वनिर्मित 26 बांधों का पुनरूद्धार प्रस्तावित है। संशोधित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल लिंक परियोजना की संयुक्त डीपीआर राष्ट्रीय जल विकास निगम द्वारा तैयार की जा रही है।
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Author: indianews24
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