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Amit Shah fake video: अब तक 8 राज्यों में 16 को नोटिस, आज दिल्ली में पूछताछ के लिए तलब

अमित शाह केंद्रीय गृहमंत्री

नई दिल्ली. Amit Shah fake video: गृहमंत्री अमित शाह के फर्जी वीडियो के मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक 8 राज्यों में 16 से ज्यादा लोगों को नोटिस जारी किए हैं। इनमें हरियाणा में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कैप्टन अजय यादव का नाम भी शामिल हैं। पुलिस कहना है कि फर्जी वीडियो को एक्स पर डालने वाले 25 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आ चुके हैं।

काफी वीडियो डिलीट करवा दिए हैं, लेकिन इसके बावजूद लोग इसे X पर पोस्ट कर रहे हैं। जिन लोगों ने अपने हैंडल से इसे पोस्ट किया है, पुलिस उन सभी को पूछताछ के लिए बुला रही है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की साइबर विंग इंटेलिजेंस फ्यूजन व स्ट्रेटजिक ऑपरेशन (आईएफएसओ) के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, जांच नगालैंड, झारखंड, तेलंगाना, यूपी, एमपी, राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली तक फैल चुकी है। दिल्ली के ओम विहार निवासी एक व्यक्ति को भी नोटिस दिया है। हालांकि, इस व्यक्ति का कहना है कि उसका मोबाइल कोई और इस्तेमाल कर रहा है।

नोटिस देने के लिए पुलिस की अलग- अलग टीमें भेजी गई हैं। फर्जी वीडियो वायरल करने वाले 25 से ज्यादा लोगों के नाम सामने आ चुके हैं। इनमें ज्यादातर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हैं। सभी को पूछताछ के लिए एक मई को सुबह 10:20 बजे द्वारका स्थित आईएफएसओ के ऑफिस में बुलाया है। सभी बुधवार को नहीं आए तो फिर से कानूनी नोटिस जारी किया जाएगा।

डॉ. हेमंत तिवारी, पुलिस उपायुक्त आईएफएसओ, स्पेशल सेल, दिल्ली पुलिस ने बताया कि जिन लोगों को नोटिस दिए हैं, उनसे पूछताछ कर फर्जी वीडियो प्राप्त करने का स्रोत के बारे में जानकारी की जायेगी। इससे पुलिस को वीडियो बनाने वाले शख्स को पकड़ने में आसानी होगी।

सभी माध्यमों से लगा रहे पता

आईएफएसओ की टीम सोशल मीडिया के सभी माध्यमों को देख यह पता करने की कोशिश कर रही है कि 27 अप्रैल से किन-किन राज्यों में किन लोगों ने अब तक एक्स पर वीडियो पोस्ट किया है। पुलिस फर्जी वीडियो पोस्ट करने वालों की पहचान व नोटिस भेजने की कार्रवाई में जुटी हुई है।

क्या कहती है सीआरपीसी की धारा 91 और 160

फर्जी वीडियो पोस्ट करने वाले को सीआरपीसी की धारा 91 व 160 के तहत नोटिस भेजे जा रहे हैं। सीआरपीसी 160 के तहत केस की जांच के लिए पुलिस के पास अधिकार होता है कि वह किसी को जांच में शामिल होने के लिए नोटिस भेज सकती है। साथ ही, सीआरपीसी 91 के तहत लोगों को दस्तावेज अथवा अन्य इलेक्ट्रॉनिक गजट पेश करने के लिए कहा जाता है।

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