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महाराष्ट्र में प्याज पर फिर घमासान, किसानों ने मुंबई-आगरा हाईवे किया जाम, शरद पवार ने केंद्र को घेरा

मुंबई. Onion Farmer Protest: प्याज निर्यात पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध से महाराष्ट्र का सियासी पारा फिर लेवल पर पहुंच गया है। जानकारों के अनुसार राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार आज निर्यात शुरू करने की मांग को लेकर किसानों के विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए। इस दौरान 83 वर्षीय पवार ने केंद्र सरकार पर हमला बोला और जल्द से जल्द प्याज निर्यात पर प्रतिबंध हटाने की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार किसानों की कड़ी मेहनत को नजर अंदाज करने पर तुली हुई है। NCP  के कई नेताओं के साथ सोमवार को पवार नासिक के चंदवाड शहर में प्याज उत्पादकों के विरोध-प्रदर्शन में शामिल हुए। प्याज के निर्यात पर रोक लगाने के फैसले का विरोध कर रहे सैकड़ों प्याज किसानों ने मुंबई-आगरा हाईवे जाम कर दिया है।

इस दौरान शरद पवार ने केंद्र सरकार से प्याज निर्यात पर लगाई पाबंदी को तत्काल हटाने की मांग की। महाराष्ट्र के नासिक जिले के चंदवाड गांव में केंद्र के फैसले के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे प्याज उत्पादकों को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि किसानों को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा, इस दिशा में नासिक सभी किसानों को रास्ता दिखा सकता है। पवार ने कहा कि जब वें केंद्रीय कृषि मंत्री थे तो कभी भी प्याज की कीमतें कम नहीं कीं और न ही निर्यात पर प्रतिबंध लगाया। उन्होंने कहा कि प्याज निर्यात पर प्रतिबंध तुरंत हटाया जाना चाहिए।

केंद्र सरकार खरीदेगी प्याज- फडणवीस

इस बीच, राज्य के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्य विधान परिषद में कहा कि केंद्र उन किसानों से प्याज खरीदने को तैयार है जिनका प्याज बिका नहीं है या जिसकी बोली नहीं लग पायी है। उन्होंने कहा कि प्याज के निर्यात पर लगी रोक से उत्पन्न स्थिति से निपटने के तरीके तलाशे जा रहे हैं। इस संबंध में केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं जन वितरण मंत्री पीयूष गोयल से चर्चा की है। किसानों को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा।

बता दें कि केंद्र सरकार ने हाल ही में प्याज के निर्यात पर अगले साल 31 मार्च तक के लिए रोक लगा दी। सरकार ने यह कदम घरेलू बाजारों में प्याज की उपलब्धता बढ़ाकर कीमतों को काबू में रखने के मकसद से उठाया है। हालांकि केंद्र सरकार के इस फैसले से किसान नाराज हैं। राज्य के कुछ हिस्सों में किसान इसके खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं।

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