झुंझुनूं. Loksabha election: लोकसभा चुनाव लड़ने की मजबूरी वालों में झुंझुनूं लोकसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी बृजेन्द्र ओला भी है। उनका कहना है कि वो लोकसभा चुनाव नहीं लड़ना चाहते थे लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि पार्टी संकट में है, इसलिए चुनावी रण में उतरा हूं। ओला ने खेतड़ी विधानसभा के तातिजा गांव में चुनावी सभा को संबोधित करते हुए अपना दर्द बयां कर दिया।
कांग्रेस प्रत्याशी बृजेन्द्र ओला ने कहा कि मैं तो चुनाव लड़ना ही नहीं चाहता था। मैं विधायक हूं। मेरे पास पूर्व मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह का फोन आया। उन्हाेंने पूछा था कि टिकट के लिए किसका नाम देना है तो मैंने साफ कह दिया कि मेरा नाम तो देना नहीं है। ओला ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट को भी मना कर आया था कि आप किसी को भी चुनाव लड़ा दो, मैं मदद करूंगा। उन्होंने कहा कि पार्टी बहुत संकट में है। ऐसे में आपको ही चुनाव लड़ना चाहिए। इस पर मैं चुनाव लड़ने को तैयार हो गया।
क्या है बृजेंद्र ओला सियासी सफर ?
बृजेन्द्र सिंह ओला राजस्थान के झुंझुनूं जिले के एक वरिष्ठ नेता के रुप में अपनी पहचान रखते हैं। बृजेंद्र ओला पूर्व केंद्रीय मंत्री शीशराम ओला के बेटे हैं। वे झुंझुनूं विधानसभा से लगातार चौथी बार विधायक हैं। बृजेंद्र ओला दो बार मंत्री भी रह चुके है। विधानसभा में बृजेन्द्र सिंह ओला का कार्यकाल साल 2008 में शुरू हुआ और तब से वो 2013, 2018 और 2023 में फिर से विधायक चुने गए। उनकी पत्नी पहले लोकसभा चुनाव लड़ चुकी है। बृजेंद्र खुद पहली बार लोकसभा का चुनाव लड़ रहे हैं।